जेल से ही 300 करोड़ सालाना कमा लेता है आसाराम

asaram bapu jail
नेशनल डेस्क। यौनाचारी आसाराम काफी समय से जेल में जरूर बंद हैं मगर उनकी कमाई बंद नहीं हुई है। जांच एजेंसियों की मानें तो हर साल करीब 300 करोड़ रुपये आसाराम ब्याज के रूप में ही कमा लेता है। जांच एजेंसियों ने छापा मार कर जो दस्तावेज बरामद किये हैं वह काफी चौंकाने वाले हैं। विभाग ने जो दस्तावेज जब्त किए हैं, उनमें अलग-अलग शहरों में जमीन खरीदने के दस्तावेज शामिल हैं। इन जमीनों की कीमत हजारों करोड़ रूपए मानी जा रही है। बुधवार को सूरत, वड़ोदरा, अहमदाबाद, मोरबी, मुंबई, भोपाल, जयपुर, इंदौर, पुणे, दिल्ली समेत 80 शहरों में आयकर विभाग ने एक साथ सर्वे और सर्च की कार्रवाई शुरू की थी। अचानक की गई इस कार्रवाई से आसाराम के समर्थकों में हड़कंप मच गया था। देश के कई शहरों में कार्रवाई जारी है।
जेल में बंद आसाराम और घनश्यामदास एंड संस के मोहन लुधियानी की कथित साठगांठ की परतें धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। आयकर इनवेस्टिगेशन विंग की जांच में सामने आया, आसाराम के आश्रम में भक्तों से नकद दान कराया गया और लुधियानी और उनसे जुड़े अन्य कारोबारियों ने दान राशि का उपयोग अपने व्यापार में किया। इस राशि को कहीं किसी रिकॉर्ड में भी नहीं दिखाया गया। हाईप्रोफाइल मामले की जांच के लिए गुरुवार को आयकर सूरत के वरिष्ठ अधिकारी इंदौर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि हर साल करीब 300 करोड़ रुपए तो ब्याज से ही कमाए जा रहे हैं।
मोहन गुडरिक के नाम की 168 करोड़ रुपए की पर्ची का पर्दाफाश करने आयकर इंवेस्टिगेशन विंग सूरत और आयकर इंवेस्टिगेशन विंग इंदौर के अधिकारियों ने गुरुवार को भी जांच जारी रखी। अधिकारियों की टीमों ने सियागंज स्थित घनश्याम दास एंड संस के मोहन लुधियानी के ऑफिस, खातीवाला टैंक स्थित घर और कारोबार सहयोगियों के यहां जांच की। दान में आई रकम को बिजनेस में लगाने के साक्ष्य मिलने पर आयकर विभाग का संदेह बढ़ गया है।
पूछताछ में लुधियानी और उनके सहयोगी कारोबारी रिकॉर्ड भी पेश नहीं कर सके। जयपुर और पुणे में भी कुछ लोगों के यहां आसाराम का पैसा लगे होने के साक्ष्य मिले हैं। आयकर सूत्रों के अनुसार नकद पैसा दान में देने के लिए लुधियानी और उनके सहयोगी भक्तों का ब्रेन वाश करते थे। भक्तों को आकर्षित करने के लिए ये 1.5 प्रतिशत के रेट पर उन्हें लोन भी दे रहे थे।
लुधियानी के अलावा शशिभूषण खंडेलवाल, विजय अग्रवाल, तेजिंदर पाल घुम्मन, निर्मल अग्रवाल, विष्णु, गोविंद राम, केशव नाचानी की घनश्यामदास एंड कंपनी, श्रुति स्नैक्स, ओएसिस डेवलपर्स, श्रीराम बिल्डर्स, अपोलो रियल एस्टेट, कॉन्कर्ड रियल एस्टेट, कॉन्कर्ड टी पैकेजिंग, डिगियाना रियल एस्टेट डेवलपर्स, जीएसएमटी रियल एस्टेट डेवलपर्स के ऑफिसों में सर्वे और घरों में सर्च की कार्रवाई हो रही है। अब तक की जांच में अधिकारियों को तीन करोड़ रुपए से अधिक की रकम और 4 करोड़ की जूलरी मिली है। इसके अतिरिक्त अलग-अलग बिजनेसमैन के लॉकरों में भी जूलरी होने के साक्ष्य मिले हैं। सूरत पुलिस द्वारा 8 करोड़ रुपए जब्त करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी। ईडी के निशाने पर भारत और विदेश में आसाराम के आश्रमों से जुड़े ट्रस्टी व अन्य लोग हैं। जांच में सामने आया कि दुष्कर्म के आरोपों से घिरे आसाराम और नारायण सांई से जुड़े बड़े साधकों इनके साथ बड़े पैमाने पर आर्थिक लेन-देन करते थे।