योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूपी सरकार से दो टूक कह दिया है कि पंचायत चुनाव के लिए केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल (सीएपीएफ) नहीं मिलेगा। यूपी के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह एवं पुलिस महानिदेशक को इस बावत भेजे गये पत्र में गृह मंत्रालय के अपर सचिव ने कहा कि यह नीतिगत मामला है और राज्यों में स्थानीय निकाय के होने वाले चुनाव में किसी भी राज्य में आमतौर पर केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल चुनाव ड्यूटी में नही भेजे जाते हैं। भारत सरकार के अवर सचिव ने अपने पत्र में यह भी जोड़ा है कि बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अधिक संख्या में केंद्रीय अद्र्धसैनिक बलों की कंपनियां उपलब्ध कराने को कहा है। इस मद्देनजर भी यूपी को पंचायत चुनाव के लिए सीएपीएफ नही मिल पाएगा। गृह मंत्रालय के अवर सचिव ने अपने पत्र में यूपी शासन के आला अफसरों को सुझाव दिया है कि पंचायत चुनाव के लिए यदि वह उचित समझे तो पड़ोसी राज्यों से पुलिस बल की मांग कर सकते है।
बताते चलें कि पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी कराने के मकसद से यूपी के प्रमुख सचिव गृह ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर सीएपीएफ की 423 कंपनियां मांगी थी। प्रमुख सचिव गृह ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया था कि चुनाव की आड़ में असामाजिक तत्व प्रदेश के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाडऩे की साजिश रच सकते हैं। ऐसी स्थिति में यदि हालात बिगड़ते हैं तो यूपी में चुनाव अवधि में यदि सीएपीएफ की कंपनियां मौजूद रहेंगी तो स्थिति को नियंत्रित करने में सहूलियत रहेगी। भारत सरकार को भेजे गये पत्र में प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का ब्यौरेवार आंकड़ा देते हुए कहा कि इस चुनाव में लगभग 15 करोड़ मतदाता ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत सदस्यों और ग्राम प्रधानों के निर्वाचन में मतदान करेंगे। पत्र में उल्लेख किया गया है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की यह प्रक्रिया 20 सितंबर से शुरू होकर दिसंबर माह तक चलेगी। वर्ष 2010 में हुए पंचायत चुनाव में कई जगह हिंसक वारदातों के उल्लेख के अलावा प्रमुख सचिव गृह ने विगत दो वर्षो में संपूर्ण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य यूपी और पूर्वी यूपी के भी कई जनपदों में सांप्रदायिक संवेदनशीलता का विवरण भी अपने पत्र में केंद्र सरकार को भेजा था। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक संवेदनशीलता के अलावा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों और उनके समर्थकों से भी चुनावी रंजिश की आशंका और हिंसक वारदातों से इंकार नही किया जा सकता। प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह ने भारत सरकार को भेजे गये पत्र में उल्लेख किया है कि सीएपीएफ की यह 423 कंपनियां प्रदेश के 8 जोन के जनपदों में चुनाव के दौरान तैनाती के लिए भेजी जाएगी। इनमें मेरठ जोन में सीएपीएफ की 83 कंपनियां, आगरा जोन में 46, बरेली जोन में 75, कानपुर जोन में 32, लखनऊ जोन में 52, वाराणसी जोन में 60, इलाहाबाद जोन में 30 और गोरखपुर जोन में सीएपीएफ की 45 कंपनियां तैनात की जाएगी। उल्लेखनीय है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव शांतिपूर्वक, निष्पक्ष और पारदर्शी कराने के मकसद से प्रदेश शासन ने पुलिस के 82648 जवान, होमगाड्र्स के 86723 जवान, पीआरडी के 12963 जवान और 105301 ग्राम चौकीदारों के अलावा पीएसी की 110 कंपनी तैनात करने की तैयारी की है।