कहावत नहीं सच में मिल गया गूलर का फूल

gular flower
लखनऊ। गूलर का फूल होना एक कहावत है लेकिन यूपी के बाराबंकी के सिद्धौर ब्लॉक की ग्राम पंचायत मदारपुर रोशन जमा खां के तपापुर में गूलर के पेड़ पर निकले फूल कहावत को सही साबित कर रहें है। गूलर के फल पर सफेद चमकदार बालों जैसे फूल को देखने के लिए लोगों का तांता लग गया। तपापुर निवासी रामसजीवन ने रामनरेश के खेत के पास आठ साल पुराने गूलर के पेड़ पर फूल देखा गया। पेड़ पर चढ़कर गूलर की टहनी के साथ फूल तोड़ लिया। वन क्षेत्राधिकारी ओमप्रकाश का कहना है कि गूलर में आज तक किसी ने फूल नहीं देखा है, यह गूलर का फूल नहीं हो सकता। गूलर का वानस्पतिक नाम फाइकस ग्लोमेरेटा है। पुष्पक्रम हाइपनथोडियम के नाम से जाना जाता है। आम जनता जिसको फल समझती है, वही फूल है। फल जैसे आकार के अंदर बहुत से पुष्प होते हैं जिसमें कुछ नर मादा और न्यूट्रल तीनों तरह के पाए जाते हैं। फूलों से एक विशेष सुगंध निकलती है जिससे कीड़े आकर्षित होकर पास जाते हैं फिर चिपक जाते हैं। लेकिन इस बार फल के ऊपर सफेद फूल निकला है। ग्रामीणों में से कुछ बजुर्गो ने सफेद गूलर के फूल के बारे में बचपन में कहानियां सुनने का दावा किया है।