सीएम अखिलेश बोले: कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं

cm
लखनऊ। यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि हर हाल में कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। इसलिए इसके साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार की छवि प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर निर्भर होती है। इसलिए मण्डल और जिलों में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे कानून-व्यवस्था के लिए संजीदगी से कार्य करते हुए विकास कार्यों की गुणवत्ता पर भी पूरा ध्यान दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता से सीधे जुड़े विभाग जैसे स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पानी, खाद्य एवं रसद आदि की व्यवस्था दुरूस्त रहनी चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि दायित्वों के निर्वहन में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।  मुख्यमंत्री विधान भवन के तिलक हॉल में प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव द्वारा प्रस्तावित थी, लेकिन मुख्यमंत्री इस बैठक में आकस्मिक रूप से पहुंचे। श्री यादव ने कहा कि आने वाले समय में पंचायत चुनाव प्रस्तावित है। इसके अलावा विभिन्न त्यौहार भी आयोजित होने हैं। इसे ध्यान में रखकर फील्ड में तैनात अधिकारियों को पूरी सतर्कता बरतते हुए अपने दायित्वों को अंजाम देना होगा। पंचायत चुनावों को सुचारू रूप से सम्पन्न कराने के लिए अधिकारियों को पूरी तरह निष्पक्ष रहकर कार्य सम्पादित करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी स्तर पर कोई भेदभाव न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध रोकने के लिए प्रभावी और कड़े कदम उठाए जाएं। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में यदि कोई जघन्य अपराध घटित होता है तो पुलिस तत्काल सक्रिय होकर जरूरी कार्रवाई करे। ऐसे मामलों में मीडिया में सही स्थिति आए, इस पर भी विशेष ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि कोई साम्प्रदायिक घटना घटती है तो इसके लिए सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सीधे जिम्मेदार होंगे। उन्होंने प्रशासन को ऐसी छवि बनाने का आहवान करते हुए कहा कि जनपद के किसी भी कोने में घटित होने वाली घटनाओं की तत्काल जानकारी जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों को पहुंचनी चाहिए। यह तभी सम्भव है, जब वरिष्ठ अधिकारियों का अपने अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण एवं पकड़ हो तथा जनता में जिला प्रशासन की साख अच्छी हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन जनता की मदद और कल्याण के लिए ही हैं। जनता में जिला प्रशासन के प्रति भरोसा कायम रहे, इसके लिए जरूरी है कि स्थानीय प्रशासन के अधिकारी जनता की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान के लिए आसानी से सुलभ रहें। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान भी जन सुनवाई प्रभावित नहीं होनी चाहिए। यदि अधिकारीगण जनता से सीधा संवाद कायम रखने में सफल रहते हैं तो तमाम घटनाओं की जानकारी और सच्चाई समय से मिल जाती है, जिसके आधार पर प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने विकास कार्यों को पूरी गति से संचालित करने पर बल देते हुए कहा कि कार्य को टालने की प्रवृत्ति के गम्भीर नतीजे होंगे।
तहसील, थानों और ब्लॉक आदि की कार्यप्रणाली भ्रष्टाचार रहित बनाने पर जोर देते हुए श्री यादव ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को अपने-अपने जिले के सभी विभागों की गतिविधियों की पूरी जानकारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने स्रोतों से यह जानकारी रहती है कि अमुक स्थान पर तैनात अधिकारी कैसा कार्य कर रहा है। इसी प्रकार शासन स्तर के किस विभाग में क्या हो रहा है, कितनी स्वीकृतियां जारी हुई हैं और कौन-कौन से फैसले लिए गए हैं, इसका भी पूरा ब्यौरा उनके पास उपलब्ध है। उन्होंने सभी अधिकारियों को आगाह किया कि मौजूदा समय ऐसा है, जब हर एक को यह जानकारी रहती है कि कौन क्या कर रहा है। जनता को भी मालूम रहता है कि अधिकारी कैसा कार्य कर रहा है। किसी भी बात को छुपाना अब सम्भव नहीं है।