बिहार में मतदाता करेंगे क्रास बटन का प्रयोग

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नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मतदान के दौरान मतदाताओं के लिए नोटा (इनमें से कोई नहीं) विकल्प को और आसान बनाते हुए इसके लिए एक चिह्न उपलब्ध कराया और यह चिह्न है क्रास का निशान।
अब आने वाले चुनावों में नोटा के विकल्प को जानना आसान हो जायेगा क्योंकि इसे भी एक नया चिह्न प्रदान कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने एक कागज पर क्रास के चिह्न के साथ नोटा विकल्प को दर्शाया। चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 11 अक्टूबर 2013 से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन(ईवीएम) और अन्य बैलट पेपर पर नोटा का विकल्प शुरु किया था। यह चिन्ह अब सभी ईवीएम और अन्य बैलट पेपर पर सबसे आखिर में दिखाई देगा। इस संबंध में सभी मुख्य चुनाव अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए है। नोटा विकल्प के तहत मतदाताओं को यह अधिकार है कि वह किसी भी प्रत्याशी को मत न दें। नोटा विकल्प का चिह्न नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद ने बनाया है। चुनाव आयोग के अनुसार आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार नोटा बटन का उपयोग होगा। ईवीएम मशीनों और मतदान पत्रों पर अब आखिर में दिया विकल्प -इनमें से कोई नहीं- को ईवीएम पर बैलेट पेपर पर काले रंग का क्रास बना होगा। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2013 के सितंबर महीने में चुनाव आयोग ने नोटा बटन को ईवीएम में स्थान दिया था। 2014 के लोकसभा चुनावों में 60 लाख लोगों ने इसका उपयोग किया।