यूथ ब्रिगेड के अब बिहार में दमखम दिखाने की बारी

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योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार जहां दिग्गजों की प्रतिष्ठ दांव पर है। वहीं यूथ ब्रिगेड की भी अग्नि परीक्षा है। बिहार के चुनाव में स्थानीय युवा नेताओं के दिल्ली और दूसरे राज्यों के युवा नेता अपना दमखम दिखाने वहां पहुंच रहे है। लोकसभा चुनाव में बुरी तरह मुंह की खाने के बाद कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी एनडीए विरोधी महागठबंधन का युवा चेहरा है। हालांकि इससे पूर्व 2010 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में भी वे वहां खासे सक्रिय थे लेकिन कुछ खास करके नहीं दिखा पाए। उसके बाद विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जो पसीना बहाया बेकार गया। एक-एक के बाद चुनावों में उनकी पार्टी बुरी तरह हारी लेकिन राहुल गांधी थके नहीं। इस बार भी महागठबंधन और रैलियों मंचों का वे बड़ा चेहरा है। देखना यह है कि राहुल गांधी के रूप में महागठबंधन नेताओं का प्रयोग कितना सफल होता है। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का जो भी हश्र हुआ हो उससे बेपरवाह होकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव द्वारा बिहार में खड़े किए गए थर्ड फ्रंट को मुख्य मुकाबले में लाने के लिए खासे प्रयासरत है। 21 सितंबर को उन्होंने वहां बाकायदा फं्रट के बाकी नेताओं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी की। उत्तर प्रदेश में 2012 में हुए विधानसभा में उन्होंने काफी मेहनत की उसका नतीजा यह रहा कि यूपी में समाजवादी पार्टी को पहली बार पूर्ण बहुमत मिला लेकिन अपनी जीत की पुनरावृत्ति वह लोकसभा चुनाव में नहीं कर सकी। अब बिहार के विधानसभा चुनाव में भी उनका मुकाबला राजनीतिक होने के साथ-साथ रिश्तेदारों से भी है। अखिलेश यादव राजद प्रमुख लालू यादव के समधी भी है। उल्लेखनीय है कि लालू यादव के दामाद सांसद तेजप्रताप मु यमंत्री अखिलेश यादव के भतीजे और सपा के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के पौत्र है। महागठबंधन से सपा के अलग होने के बाद तेजप्रताप ने भी बिहार में लालूयादव की लालटेन बुझाने की कसम ले रखी है। यूथ ब्रिगेड के रूप में लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री रामबिलास पासवान के पुत्र सांसद चिराग पासवान भी अपना राजनीतिक कौशल दिखाने को बेकरार है। पहली बार जमुई से संसद पहुंचे चिराग पासवान लोकजनशक्ति संसदीय दल के अध्यक्ष भी है। 2014 के लोकसभा चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले चिराग पासवान पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव में सक्रियता दिखा रहे है। माना जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व रामबिलास पासवान को राजग में शामिल होने के लिए उन्होंने ही दबाव बनाया था। इस समय लोकजनशक्ति पार्टी के बिहार से छह सांसद है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू-राबड़ी के पुत्र तेजेस्वी और तेजप्रताप यादव खासे सक्रिय है। माना जाता है कि लालू और नीतीश को एक छतरी के नीचे लाने में इन दोनों भाइयों ने खासी अहम भूमिका निभाई। यादव दंपत्ति के दोनों पुत्र राजनीति के मामलें में अपने माता-पिता से ज्यादा नीतीश कुमार का लोहा मानते है इसलिए उनके साथ आने का फैसला हुआ। राजद प्रमुख लालू यादव की माने तो यदि चुनावों में महागठबंधन को अपेक्षित सफलता मिली तो उनके पुत्र तेजेस्वी यादव कोई महत्वपूर्ण जि मेदारी संभाल सकते है। तेजेस्वी इन दिनों राजद को हाईटेक बनाने पर जोर दे रहे है। बिहार के पूर्व मु यमंत्री और हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी की पार्टी को बिहार के ही पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के बेटे नीतीश मिश्र और पूर्व मंत्री शकुनि चौधरी के पुत्र सम्राट चौधरी राजनीतिक रूप से मजबूत करने में लगे है। यहां
यह भी बता दे कि इसी साल 13 सितंबर को जीतनराम मांझी के छोटे पुत्र प्रवीण मांझी को पुलिस ने 4 लाख 65 हजार रूपए के साथ गिरफ्तार किया था। फिलहाल मांझी का कोई पुत्र राजनीति में सक्रिय नहंी है