बाबूगिरी पर सख्त हुए गडकरी: फाइलें दबाईं तो बैठो घर

Nitin-Gadkari

नई दिल्ली। फाइलें दबाकर बैठने वाले बाबुओं की कार्यशैली से परेशान होकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लालफीताशाही के खिलाफ सख्त लहजे में आज अधिकारियों को चेताया कि उन्हें अपना काम ठीक से करना चाहिए नहीं तो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले लेनी चाहिए। उन्होंने ने कहा कि वे भारत के विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा हासिल करने के रास्ते में बाधा नहीं बनें। प्रतिदिन 100 किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य लेकर चल रहे राजमार्ग मंत्री ने कहा कि अधिकारियों की सुस्ती या लालफीताशाही को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सिस्टम को साफ करने के लिए ऐसे अधिकारियों को बाहर कर दिया जाएगा। गडकरी ने कहा दुनिया भारत में निवेश करने को तैयार है। विशेष रूप से राजमार्ग क्षेत्र में। लेकिन हम अपने बजटीय आवंटन का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। पांच लाख करोड़ रपये के काम के लिए हमें तेजी से मंजूरी की जरूरत है। इसके अलावा परियोजना रिपोर्ट जल्द बननी चाहिए। लेकिन हमारे अधिकारी फाइल दबाकर बैठें हैं और फैसले नहीं कर रहे। जो लोग काम नहीं करना चाहते, कृपया कर वे वीआरएस ले लें। हमें सकारात्मक सोच वाले लोग चाहिए। सोच में बदलाव होना चाहिए। प्रदर्शन का आडिट किया जाएगा। गडकरी ने विश्व बैंक वित्तपोषित परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए सड़क परिसंपत्ति प्रबंधन पर कार्यशाला में अधिकारियों से नकारात्मक दृष्टिकोण छोडऩे की अपील करते हुए कहा, हम उन लोगों को दंडित करने से हिचकिचाएंगे नहीं जो काम नहीं करतें। उन्होंने कहा लालफीताशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।