मोदी के दावों की खुली पोल: देश में केवल 6 फीसदी बढ़ी खादी की बिक्री

Khadi-promoted-by-Modiनई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी लगातार आकाशवाणी द्वारा प्रसारित कार्यक्रम मन की बात में कह रहे हैं कि देश में खादी की बिक्री में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। मोदी द्वारा इस बात को ट्विटर पर भी लिखा गया है कि खादी की बिक्री बढ़ी है। चुनावी सभाओं में मोदी घूम-घूम कर प्रचारित कर रहे हैं कि खादी की बिक्री देश में काफी बढ़ गयी है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। मोदी के इस बयान की सच्चाई पता करने के लिए जनसंदेश न्यूज पोर्टल ने पड़ताल की तो मोदी के बयान से उलट जानकारी हासिल हुई जोकि काफी चौंकाने वाली है।
देश में खादी की बिक्री के जो आकड़े सामने आये हैं उससे एक बात तो साफ है कि पीएम मोदी को खादी की बिक्री देश में कितनी हुई है इसकी जानकारी नहीं है। खादी की बिक्री के जो आकड़े मिले हैं उसके अनुसार देश में खादी की बिक्री में इजाफा केवल 6 फीसदी की हुई है जबकि मोदी के अनुसार यह बढ़कर डबल हो गयी है। देश में वर्ष 2013-14 में खादी की बिक्री कुल 1081.04 करोड़ हुई थी और 2014-15 में यह महज 1149.9 तक पहुंच पायी है। जोकि करीब 5.82 फीसदी है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर मोदी किस आधार पर कह रहे हैं कि खादी की बिक्री देश में दोगुनी हो गयी है। सबसे अहम यह है कि देश के कई राज्यों में खादी की बिक्री ना के बराबर है। देश के पूर्वोत्तर राज्यों में तो हाल काफी बुरा है। सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, गोवा में खादी की बिक्री एकदम नगण्य है। कमोवेश इस मामले में देश का सबसे बड़ा राज्य यूपी काफी अव्वल है। खादी बिक्री में यूपी पूरे देश में आगे है। यूपी में खादी की बिक्री पर नजर डाली जाये तो इसकी तस्दीक भी हो जाती है। यूपी में लगतार खादी की बिक्री बढ़ी है इसमें सपा सरकार का योगदान है तो कहना गलत नहीं होगा क्योंकि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव हों या फिर सीएम अखिलेश यादव लगातार खादी की बिक्री बढ़ाने पर जोर देते रहे हैं और इसी का परिणाम रहा है कि वर्ष 2012-13 में 304.71 करोड़ की बिक्री हुई है। इसी प्रकार वर्ष 2013-14 में 325.1 करोड़ रही। इसी तरह वर्ष 2014-15 में सबसे ज्यादा 344.31 करोड़ की खादी बिकी। बहरहाल पीएम मोदी भले ही खादी की बिक्री बढ़ाने पर जोर डाल रहे हों और भारत को डिजिटल इंडिया बनाने का सपना दिखा रहे हों मगर इनसब के बाद भी देश में खादी की बिक्री का आकड़ा नही बढ़ रहा है।