कोर्ट ने सरकार और आयोग से पूछा, क्यों लगती है चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी

High-Court-Lucknow

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है। दो जजों की खण्डपीठ ने इस याचिका पर राज्य चुनाव आयोग समेत प्रदेश के कई शीर्ष अधिकारियों से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने कहा है कि सभी विपक्षी अधिकारी इस याचिका पर जवाब लगाकर तीन सप्ताह में अपना रूख स्पष्ट करें कि शिक्षकों की ड्यूटी पंचायत चुनावों में क्यों लगायी जा रही है।
यह आदेश न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता व न्यायमूर्ति वी.के.मिश्रा की खण्डपीठ ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की तरफ से दाखिल एक जनहित याचिका पर दिया है। शिक्षक संघ ने याचिका दाखिल कर कहा है कि प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव में आयोग शिक्षकों की ड्यूटी लगा रहा है और उन्हें चुनावी ट्रेनिंग के लिए शिक्षा का कार्य छोड़कर बुलाया जा रहा है। याचिका में मुद्दा उठाया गया है कि बच्चों को शिक्षा पाने को मौलिक अधिकार है और शिक्षक ही बच्चों के इस मौलिक अधिकार की प्राप्ति में सहायक है। ऐसे में शिक्षकों को शिक्षा देने के अधिकार से दूर करना बच्चों के शिक्षा पाने के मौलिक अधिकारों का हनन है। चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया कि आयोग ने अपने नियमावली में परिवर्तन कर दिया है और शिक्षकों को ही चुनावी ड्यूटी में लगाने की व्यवस्था की गयी है। कहा गया है कि सभी शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में नहीं लगायी जाती। इसका कारण यह है कि ताकि विद्यालयों में बच्चों की शिक्षा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। अध्यापकों की तरफ से उनके वकील का कहना था कि शिक्षकों के अलावा सरकार के पास बहुत सारे कर्मचारी अन्य विभागों के बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं। सरकार को चाहिए कि शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखे ताकि बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो। शिक्षकों के अलावा अन्य कर्मचारियों से चुनाव को सम्पन्न कराने का कार्य लिया जाना चाहिए। कोर्ट ने माना कि याचिका में उठाया गया मुद्दा महत्वपूर्ण है और इस पर कोर्ट को गंभीरता से कानूनी परिधि में विचार करना होगा। इस कारण कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग व सरकार के शीर्ष अधिकारियों से जवाब तलब किया है कि वह तीन सप्ताह में बतायें कि टीचरों की चुनाव में ड्युटी लगाने का उनका कदम कहां तक सही है। याचिका पर कोर्ट चार नवम्बर 2015 को सुनवाई करेगी।