सिक्कों के घपले पर पर्दा डाल रहा है राज्य संग्रहालय

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सुशील सिंह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य संग्रहालय में संग्रहित प्राचीन एतिहासिक मुद्राओं की हेरा फेरी में जैसे जैसे परते खुलती जा रही है उस पर पर्दा डालने के लिए वहां के निदेशक एवं मुद्रा शास्त्र सहायक अपने अपने स्तर से इसको दबाने में लगे हुए है।
जानकारी के मुताबिक मौजूदा समय में राज्य संग्रहालय में मुद्राओं से संबधित प्रभार वहां की तृतीय श्रेणी कर्मचारी रेनु दुबे एवं अनिता चौरसिया जिनके पास मुद्रा शास्त्र सहायक का प्रभार है इस प्रकरण में फंसते देख संस्कृति विभाग के उच्च अधिकारियों के पास जा कर अपने आप को बेगुनाह साबित करने में जुटी हुई है, वहीं सूत्र बताते है कि संग्रहालय निदेशक डा. अजय कुमार पाण्डेय ने इस मामले में रिटायर हो चुके कर्मचारी जिनके पास मुद्राशास्त्र विभाग का भी प्रभार था को पत्र लिखकर कर बुलाया गया तथा उनसे कहा गया कि इन सिक्कों को जिस रजिस्टर पर दर्ज किया गया है तथा उसके आंकड़ों एवं पूर्व अंकित सूचनाओं को काटकर दूसरी सूचनाएं अंकित किया गया उसको वह बैक डेट में साइन कर स्वीकार कर लिया जाय कि यह ओवर राइटिंग तथा अन्य संशोधन उनके द्वारा किया गया है जिसको पूर्व के कर्मचारियों ने स्वीकार करने से मना कर दिया। सूत्र बताते है कि पूर्व के इन कर्मचारियों को जो पत्र लिख कर बुलाया गया उसका कोई रिकार्ड मूल रूप में कार्यालय में दर्ज नहीं किया गया है।
वहीं दूसरी ओर मुद्रा शास्त्र सहायक अनीता चौरसिया ने 28 जून को उत्तर प्रदेश मुद्रा समिति व राज्य के निदेशक को एक पत्र के हवाले से कहा है कि मुद्राशास्त्र अधिकारी के पत्र में अंकित बिन्दुओं में जिन कटिंग व ओवर राइटिंग के बारे में जिक्र किया गया है ये तत्कालीन निदेशक व सचिव उत्तर प्रदेश मुद्रा समिति डा. एके श्रीवास्तव जो मुद्रा विशेषज्ञ थे के प्रतिहस्ताक्षरित करने से पूर्व की है तथा प्रभार हस्ताक्षरण के समय हस्तान्तरणकर्ता जो मुद्राविद्या से अनभिज्ञ थे उन्ही के द्वारा जो कहा गया वहीं प्रभार प्राप्तकर्ता द्वारा अंकित किया गया है। बहरहाल सिक्कों को लेकर संग्रहालय में चल रहे खेल के खुलासे के बाद अब विभागीय अफसर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करने में लग हैं।