आखिर कौन है वाराणसी को अशांत करने के पीछे

Varanasi- 2वाराणसी। प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी का माहौल कौन खराब कर रहा है। सोमवार को प्रतिकार यात्रा के दौरान पुलिस व जनता के बीच फिर से हिंसक झड़प के पीछे कौन है। क्या पुलिस के ऊपर से जनता का भरोसा उठ गया है या प्रशासनिक लापरवाही का शिकार हो गया है। या फिर वाराणसी को अशांत करना किसी की राजनीतिक चाल है। यह सवाल वाराणसी की जनता पूछ रही है। दुनिया भर से अध्यात्मिक शंाति के तलाश में निकले पर्यटकों की प्रिय काशी में जनता और पुलिस के बीच टकराव की कई वजह है। इसके केन्द्र में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद है। सोमवार को प्रतिकार यात्रा का आह्वान अविमुक्तेश्वरानंद ने किया था। जिसमें स्थानीय कौमी एकता दल, धोबी समाज, मुस्लिम समाज, महिलाओं के साथ बड़ी सं या में कांग्रेस नेताओं जिनमें विधायक अजय राय, वाराणसी के पूर्व सांसद राजेश मिश्र, पूर्व विधायक राजेशपति त्रिपाठी, सतीश चौबे, प्रजानाथ शर्मा, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता, आप के पूर्वांचल संयोजक संजीव सिंह, भाजपा व विहिप से नाराज चल रहीं साध्वी प्राची, स्वामी चक्रपाणि व दूसरे राज्यों से आये तमाम लोग शामिल थे। सोमवार को टाउन हॉल में सभा शुरू होते ही साध्वी प्राची ने मुस्लिम तुष्टीकरण पर जैसे ही बोलना शुरू किया, तो स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने माइक ले लिया। कहा कि हमें, किसी मुस्लिम भाई से कोई मतभेद नहीं है। वह हमारे भाई हैं। हमारी लड़ाई प्रदेश सरकार से है और हम उन्हें धूल चटा के रहेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मु यमंत्री अखिलेश यादव को 12 बजे तक का समय दिया गया था कि वह मठ आएं कर घायल बटुकों के घावों पर मरहम लगाएं। लेकिन ऐसा न कर उन्होंने फोन किया जिस पर मैने कहा कि अब समय खत्म हो गया है और यात्रा निकलने जा रही है। सभा में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सीएम सनातनी हिंदुओं के पुरुषार्थ को न ललकारें। सनातनी हिंदू यदि अपने पर उतर आये तो सीएम अखिलेश दोबारा प्रदेश से चुनाव नहीं जीत पायेंगे। गोदौलिया चौराहे पर पथराव, आगजनी और लाठी चार्ज के समय स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को बड़ादेव के पास देखा गया था। उसके बाद वह दशाश्वमेध की ओर जाते हुए देखे गये।
कौन है अविमुक्तेश्वरानंद
अविमुक्तेश्वरानंद, शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य है। इन्हें उनका उत्तराधिकारी भी माना जाता है। अविमुक्तेश्वरानंद ने गणेश प्रतिमाओं को गंगा में विसर्जित किये जाने के लिए 21 सितंबर से धरना दिया था। उधर, कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया ,ह्वाट्सऐप और फेसबुक पर किसी तरह की भ्रामक सूचनाएं न फैलाएं। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ स त कार्रवाई की जाएगी। वाराणसी. साधु-संतों की प्रतिकार यात्रा के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद शहर में मंगलवार को शांति है। फिलहाल कहीं से बवाल की खबर नहीं है। हालांकि शहर में अभी भी धारा 144 लगाई गई है और डीएम ने स्कूल-कॉलेज बंद रखने के ऑर्डर दिए हैं।