जानिए किसका रावण है अन्नदाता, करते हैं उसकी पूजा

ravana jaipurजयपुर। सड़क के किनारे प्लास्टिक और बांस से बने घरों में रहने वाले ये लोग बेसब्री से विजयादशमी का इंतजार करते हैं। इनके मन में रावण जलाने का रोमांच कुलांचे नहीं मारता, बल्कि खूबसूरत और उम्दा रावण बनाने का रोमांच हिलोरे लेता है। बिना घर-बार वाले ये खानाबदोश दशहरा पर हजारों रुपए का रावण बनाकर लाखों रुपए में बेंच देते हैं। रावण ही उनका अन्नदाता है, इसलिए वे सुबह उठते ही उसकी पूजा करते हैं। विजयादशमी में एक पखवाड़ा शेष है। राजधानी में अभी से मंडियां लग गई हैं। ये सब्जी की नहीं, बल्कि रावण के पुतलों की हैं, जिनके दम पर ही खानाबदोश जीवन जीने वाले कुछ परिवार अपने अन्नदाता के लिए पूरे एक साल का इंतजार करते हैं। जयपुर के मानसरोवर मेट्रो स्टेशन, आदर्श नगर, ओटीएस चौराहा समेत शहर के अनेक हिस्सों में सड़क किनारे 2 फीट से लेकर 110 फीट तक के रावण के पुतले रंग-बिरंगे मिजाज में दिखाई देने लगे हैं। अलग-अलग पुतलों का यह मिजाज उनके हाथ में मौजूद गदा, त्रिशूल, खड्ग, धनुष-बाण से अलग-अलग दिखाई पड़ता है। रावण के साथ उसके हथियारों का जखीरा ही मानों, अलग से तैयार किए जा रहे हैं। बच्चे हैं कि मानते नहीं, इसलिए रावण के पुतले के साथ ऐसे धनुष बाण, गदा और तलवार जैसे शस्त्र खूब बिकते हैं। आमतौर पर सड़कों के किनारे रहने वाले ये परिवार मजदूरी और दूसरे काम-धंधे छोड़ पूरे जोर-शोर से रावण के पुतले बनाने में जुटे हुए हैं। उनके पास इस समय बात करने की फुर्सत नहीं। सीजन का समय है।
रावण बनाने में बांस, रस्सी, न्यूजपेपर और रंगीन कागज का इस्तेमाल किया जा रहा है। करीब 10 फीट का पुतला बनाने में 350 रुपए का खर्च आता है, बिकता 1000 रुपए तक में है। रावण के पुतलों को आकार देने में एक्सपर्ट राजीव ने बताया कि 51 फीट ऊंचे रावण का पुतला बनाने में करीब 30 बांस लगते हैं। एक बांस की कीमत अधिकतम सवा सौ रुपए है। यानी इस रावण को बनाने में 8 से 10 हजार रुपए का खर्च आता है। यह 30-35 हजार रुपए तक मार्केट में आसानी से बेच दिया जाता है। मानसरोवर मेट्रो स्टेशन के पास रावण बना रहे भगवान दास का कहना है कि वे रावण बेचकर बड़े आराम से 80 हजार से एक लाख रुपए तक कमा लेते हैं। इनके पास 110 फीट लंबा रावण है, जिसे इन्होंने खास अंदाज में तैयार किया है। इसकी कीमत 51 हजार रुपए है।