अखिलेश सरकार की छत्रछाया में जेल में ऐश कर रहा है अमरमणि

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गोरखपुर। बहुचर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी अमरमणि त्रिपाठी के रसूखों के आगे कानून-कायदे, अफसर-प्रशासन सब पलक-पांवडे बिछा रहे हैं और हत्या का यह दोषी अपने ही गृह जनपद गोरखपुर के एक सरकारी अस्पताल के एक पूरे हिस्से पर कब्जे के साथ पूरे ऐशो-आराम की जिंदगी गुजार रहा है। यह खुलासा आईबीएन के स्टिंग ऑपरेशन में किया गया है। अमरमणि त्रिपाठी और उसकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद हुई है। चैनल की स्टिंग रिपोर्ट के मुताबिक, मरीज, डॉक्टर या किसी अन्य को अस्पताल के इस हिस्से में आने की इजाजत नहीं है। अमरमणि और उसकी पत्नी को दो साल पहले उत्तराखंड की जेल से डिप्रेशन और मानसिक तनाव के इलाज के लिए यहां शिफ्ट किया गया था। खुफिया कैमरे पर रिकॉर्ड बातचीत में अमरमणि ने दावा किया कि सरकार में उसका रसूख है और वह किसी को भी मनचाही जगह पर पोस्टिंग दिलवा सकता है। जेल के कैदी या अस्पताल में भर्ती मरीज की पोशाक के बजाय अमरणि आम धोती बनियान पहने हुए थे और स्टिंग के दौरान उन्होंने चैनल के अंडरकवर रिपोर्टर को भी लालच दिया। दरअसल रिपोर्टर पुलिस इंस्पेक्टरबनकर उसकी सुरक्षा की समीक्षा करने के बहाने उससे मिला था। उसने रिपोर्टर से कहा कि नए स्मार्ट लडके लग रहे हो, जहां चाहो वहां पोस्टिंग करवा दूंगा। अपने रसूखों के चलते अमरमणि को यह भी विश्वास है कि वह पत्नी की हत्या के आरोप में जेल में बंद अपने बेटे को भी जल्द छुडा लेगा। बेटे के केस के बारे में पूछने पर अमरमणि ने कहा कि उस केस में कुछ नहीं है, दो चार-दिन में खत्म करवा देंगे। यह पूछने पर कि अगर अगले चुनाव में बसपा सत्ता में आ गई तो क्या होगा, अमरमणि का जवाब था, तो बसपा क्या कर लेगी! हमारा तो नुकसान नहीं करेगी ना! (हंसते हुए) बसपा को मैंने कुर्सी दी थी, हमारा बहुत सम्मान था वहां, जलजला था। अमरमणि ने यह भी दावा किया कि इस इलाके से कोई और चुनाव नहीं जीत सकता। उसने कहा कि वह जेल से ही दो बार चुनाव जीत चुका है, जबकि बाहर रहकर भी लोग नहीं जीत पाते। सुरक्षा में खुद का बॉडी गार्ड दस्ता, अस्पताल में ही जनता दरबार.. अमरमणि और उसकी पत्नी हत्या जैसे संगीन आरोप के दोषी हैं इसलिए अस्पताल में उन पर नजर रखने के लिए यूपी पुलिस के जवानों की भी ड्यूटी लगती है, लेकिन वे मात्र दर्शक बने रहते हैं, क्योंकि अमरमणि ने अपनी सुरक्षा के लिए निजी बॉडीगार्ड का एक दस्ता रखा हुआ है। इतना ही नहीं, अमरमणि अस्पताल परिसर में ही जनता दरबार लगाता है और अपने चुनाव क्षेत्र के लोगों की फरियाद सुनता है। अस्पताल का एक कमरा उसके सचिवालय में बदल चुका है जहां उसका पीआरओ और निजी सचिव बैठते हैं और उसकी रोजमर्रा की मेल मुलाकात का हिसाब किताब देखते हैं। अस्पताल के एक कमरे को उसकी रसोई में तब्दील कर दिया गया है जहां उसकी पसंद के पकवान बनते हैं। यूपी पुलिस के अफसरों या सिपाहियों को उसके कमरे में जाने की इजाजत नहीं है। अमरमणि त्रिपाठी उत्तर प्रदेश का एक रसूखदार नेता है और पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौतंवा से कई बार विधायक रहा है। मायावती और मुलायम सरकार में अमरमणि मंत्री रह चुका है। 2003 में हुए चर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सीबीआई जांच के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था जबकि साजिश रचने के आरोप में फरार उसकी पत्नी ने अदालत में समर्पण किया था। 2007 में दोनों को आजीवन कारावास की सजा हुई और उन्हें उत्तराखंड की जेल में भेज दिया गया। पिछले दो साल से वह डिप्रेशन और मानसिक तनाव के इलाज के लिए गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती है।