सैलानी देखना चाहते हैं आदिवासी संस्कृति

bustatr tribe

सुधीर जैन, जगदलपुर। चित्रकोट और कोटमसर जैसे स्थान देख चुके सैलानी अब गांव में जाकर बस्तरिया संस्कृति से रूबरू होना चाहते हैं ताकि वस्तविक बस्तर का नजारा कर सकें । संभाग के दर्शनीय स्थलों को बारम्बार देख चुके सैलानी अब गांव में प्रवेश करने लगे है। वे ग्रामीणों के साथ बैठक उनके रहन-सहन, रीती-रिवाजों व दिनचर्या को देखने लगे हैं। दुभाषिये और गाइड के रूप में स्थानीय युवक व वाहन चालक इनकी मदद कर रहे हैं। माचकोट वन परिक्षेत्र के देवड़ा जंगल में चांदली और चोकावाड़ा की महिलाओं से विभिन्न विषयों पर चर्चा कर सैलानियों ने अपनी जिज्ञासा दूर की वहीं वन ग्राम माचकोट में धुरवा संस्कृति से रूबरू हुए। सैलानियों ने ‘िात्रकोट, तामड़ाघूमर व मटनार में ग्रामीणों के साथ 2 घंटे बिताए। दुर्ग जिले के नगपुरा अंजोरा से आए शरद मढ़रिया और सरायपाली से आए विवेक साहू ने बताया कि वे कई बार बस्तर आ चुके है और चित्रकोट से लेकर बस्तर दशहरा तक देख चुके है। प्रतिबंध के कारण बैलाडीला नहीं देख पाए है। गांव में जाने से कोई हर्ज नहीं है। इसलिए वह अब गांव में पहुंचे है। धमतरी के आनंद राम साहू, गोपाल मराठा, विकास लखवानी और चंदन देवांगन ने बताया कि मटनार और चित्रकोट के घरों में टीवी, मोबाईल पहुंच गया है फिर भी उनका रहन-सहन सादगीपूर्ण है। ग्रामीणों से पारम्परिक कृषि की जानकारी लेकर वे वापस लौट रहे हैं। इनका मानना है कि बस्तर के सभी दर्शनीय स्थलों का समुचित रूप से विकास हो जाए तो यहां के पारम्परिक कला को वांछित बाजार मिल सकता है। बस्तर आने वाले पर्यटक चित्रकोट, तीरथगढ़, कांगेरधारा, कोटमसर व कैलाश गुफा, बारसूर व दंतेवाड़ा देखकर लैट जाते है, जबकि बस्तर में दंतेश्वरी शक्ति पीठ दंतेवाड़ा जिला भैरवमंदिर, बारसूर व समलूर आदि हैं। इसके आलावा नारायणपाल मंदिर, बोदरागढ़, कुरूषपाल, दंडकगुफाएं, कांगेरघाटी, राष्ट्रीय उद्यान, विहंगम कांकेर घाटी, ओडि़सा सीमा पर गुप्तेश्वर, देवड़ा मंदिर, तुलसी डोंगरी, छिंदगांव, शिव मंदिर आदि स्थित हैं। संभाग के कांकेर जिले में गढिय़ा पहाड़, दुधावा डेम, प्रागैतिहासिक काल की कानागांव की गुफाएं, मलाजकुडुम जलप्रपात, कोण्डागांव जिले में गढधनोरा , केशकाल घाट, बड़े डोंगर, आलोर की गुफा, भोंगापाल में बुद्ध प्रतिमा, नारायणपुर में रामकृष्ण मिशन, रावघाट , तीन फिट ऊंचा हांदावाड़ा जलप्रपात, बस्तर जिले में बस्तर शिवालय, चपका, कोसारटेड़ा जलाशय, चित्रकोट जलप्रपात व विशाल शिवलिंग स्थित है।