अखिलेश सरकार में जैन धर्म दरकिनार

jain kala

सुशील सिंह, लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य संग्रहालय में जैन धर्म की उपेक्षा हो रही है। मायावती सरकार ने 2002 में राज्य संग्रहालय में जैन विथिका का निर्माण कराया था जिससे आने वाले लोगों को जैन धर्म के बारे में जानकारी मिल सके और धर्म प्रचार प्रसार में भी इसका योगदान हो सके।
मायावती के सरकार के पतन के बाद सत्ता में आई समाजवादी सरकार ने राज्य संग्रहालय से जैन धर्म विथिका को दरकिनार कर दिया है। हालत यह है कि जैन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए शुरू की गई विथिका एक कोने में समेट दी गयी है। पहले जहां जैन विथिका का आकार बड़ा था और लगभग जैन धर्म से जुड़ी सभी मूर्तियों और दस्तावेज जनता के लिए प्रदर्शित थी अब विथिका छोटी किये जाने से अन्य मूर्तियों को संग्रहालय के रिजर्व कलेक्शन में डाल दिया गया है और विथिका के आधे हिस्से को अधिगृहित कर ममी गैलरी का निर्माण करवा जा रहा है। ममी गैलरी के बनने के बाद जैन विथिका लगभग दब सी गयी है और गाहे बगाहे ही दर्शकों की निगाह अब इस गैलरी पर पड़ती है।
जानकारी के अनुसार संग्रहालय प्रशासन 13वें वित्त आयोग में इजिप्शियन गैलरी का कोई प्राविधान नहीं था। और जिस बजट से इजिप्शियन गैलरी का निर्माण करवाया जा रहा है वह संग्रहालय के चौथे तल पर स्थित प्राणिशास्त्र विथिका के सुधार के लिए आवंटित किया गया था। वर्ष 2002 में जैन विथिका का निर्माण गोवाहाटी के सेठी ट्रस्ट के सहयोग से बनाया गया था। जिसमें ट्रस्ट द्वारा मूर्तियों के प्रदर्शन, शोकेस, साज सज्जा आदि में खर्च मुहैया कराया था।
सेठी ट्रस्ट गुवाहाटी के ट्रस्टी निर्मल सेठी से जब इस बारे में बात की गयी तो उन्होंने कहा कि संग्रहालय में जैन विथिका में हुई बदलाव के बारे में उनकों राज्य संग्रहालय द्वारा किसी भी प्रकार की न ही सूचना दी गयी और न ही ट्रस्ट से किसी भी प्रकार की अनुमति ली गई है। ट्रस्ट राज्य संग्रहालय लखनऊ में स्थापित जैन विथिका में हुए बदलाव के बारे में अनभिज्ञ है। उन्होंने कहा कि इस बारे में राज्य सरकार से शिकायत करेंगे कि जैन विथिका को क्यों छोटा कर दिया गया है।