अपहरण कर किया रेप, बचपन में ही बना दिया मां

rape and harreshmentसुलतानपुर। चौदह साल की उम्र कोई उम्र होती है। आम बोलचाल में इसे लड़कपन की उम्र कहा जाता है। जिसमें आमतौर से लड़कियों के हाथ में कागज और कलम पाया जाता है, लेकिन धम्मौर के खोखीपुर की गुडिय़ा इस उम्र में अपने हाथों कलम के बजाए एक बच्चे को लेकर न्याय की चौखट पर सर पटक रही है, लेकिन मित्र पुलिस न्याय के बजाए आरोपियों के साथ गलबहिया खेल रही है। मनबढ़ आरोपियों ने पीडि़ता की मां को इतना पीटा की वह अधमरी हो गई। थाने पर जाकर दी गई तहरीर रद्दी टोकरी में डाल दी गई। गौरतलब हो कि करीब साल भर पहले धम्मौर के खोखीपुर में एक दर्दनाक हादसा दरपेष आया। महज 14 बरस की गुडिय़ा (काल्पनिक नाम) का गांव के ही कुछ अराजकतत्वों ने अपहरण कर लिया था। खुद गुडिय़ा की जुबानी यह है कि गांव के ही सलमान, अबरार जिसकी वह बहन बेटी लगती थी वही उसे उठा ले गए थे और उसके साथ मुंह काला करते हुए अश्लीलता की हद को पार किया था। यही नही गुडिय़ा तो यहां तक कहती है कि इन दरिन्दों ने अश्लीलता के साथ साथ उसकी वीडियो क्लिप भी बना लिया था। इस बीच पुलिस ने इन्हे दबोच लिया और अभियोग पंजीकृत किया था। अपने को फंसता देख सलमान आदि ने पुलिस का दबाव एवं वीडियो क्लिप का खौफ पैदा करते हुए कोर्ट में सुलह कर लिया था और बाद में फिर से दिल्ली ले जाकर उसके साथ मुंहकाला करते हुए उसे बाजार में बेचने की तैयारी कर लिया था। खैर गुडिय़ा ने जैसे तैसे अपनी जान बचाई और घर को आ गई। इस बीच दरिन्दों के कुकर्म का नतीजा यह हुआ कि 14 साल की उम्र में गुडिय़ा मां बन गई। आज वह एक बच्चे की मां है। इतने पर ही सलमान, अबरार जैसे दरिन्दों को संतुष्टि नही हुई और अब उन्होंने स्वयं गुडिय़ा और उसके परिवार का जीना दुष्वार कर दिया है। आए दिन गाली-गलौज, भद्दी-भद्दी बातें गुडिय़ा को सुनने को मिलती है जबकि उसके पिता के साथ मारपीट की घटना भी आम हो चली है। इस सबके पीछे मकसद यह है कि किसी तरह सलमान व अबरार गुडिय़ा को मोटी रकम पर बेचकर अपनी जेब भरना चाहते हैं। इस घटना से आहत होकर गुडिय़ा ने डीएम व एसपी की चौखट पर न्याय के लिए नाक रगड़ डाली, लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। बुधवार को अबरार आदि ने गुडिय़ा की मां को इतना पीटा की वह अधमरी हो गई। जान बचाकर थाने पहुंचे पीडि़तों ने दीवान को प्रार्थना पत्र दिया और अपने जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगाई। अगले दिन तक पुलिस नही पहुंची तो यह परिवार पुलिस अधीक्षक दफ्तर पहुंचा जहां पर एसपी विनय यादव की नामौजूदगी में एक वर्दीधारी को प्रार्थना पत्र थमाया। पीडि़त कुनबा अब भी डरा सहमा है, वजह यह है कि इतना सब होने के बावजूद पुलिस मौके पर पहुंचना गंवारा नही समझ रही है।