मेक इन इंडिया तभी सफल होगा जब मेक इन यूपी सफल होगा: सीएम

10oct cmलखनऊ। सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सूक्ष्म एवं लघु औद्योगिक इकाइयों को सरकारी खरीद में क्रय वरीयता शीघ्र प्रदान की जाएगी तथा रेट कॉन्ट्रैक्ट शीघ्र लागू करने पर भी विचार किया जाएगा। लखनऊ में हस्तशिल्प उत्पादों के प्रदर्शन एवं बिक्री हेतु एक्स्पो मार्ट शीघ्र चालू किया जाएगा। प्रदेश में एमएसएमई द्वारा निर्मित उत्पादों के ऑनलाइन प्रदर्शन एवं बिक्री हेतु डायनमिक एमएसएमई पोर्टल की जल्द ही स्थापना की जाएगी। साथ ही, एमएसएमई नीति शीघ्र प्रख्यापित की जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण मिशन योजना जल्द लागू किए जाने की घोषणा भी की है। उन्होंने कहा कि फुटवियर उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए प्लास्टिक फुटवियर पर वैट की वर्तमान दर को 14.5 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया जाएगा।
श्री यादव ने कहा कि पॉलीटेक्निक संस्थाओं में उद्योगों की आवश्यकता के हिसाब से पाठ्यक्रम में बदलाव किया जाएगा और इसे अगले सत्र (2016-17) से प्रारम्भ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उद्योगों की मांग के हिसाब से प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की प्रशिक्षण क्षमता में विस्तार किया जाएगा।
एमएसएम0ई कॉन्क्लेव-2015 को सम्बोधित करते उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम ही पूरी अर्थव्यवस्था को टर्न अराउण्ड कर सकता है। मेक इन इण्डिया तभी सफल हो सकेगा, जब मेक इन यूपी सफल होगा। इस अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी केन्द्र एवं राज्य सरकार दोनों की है। ऐसे में, दोनों सरकारों को मिल-जुलकर काम करना होगा तभी हमें सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हमें ऐसे प्रयास करने होंगे, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था बेहतर हो, उद्यमी आगे बढें़ और समाज में खुशहाली आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार केन्द्र के साथ हर तरह के सहयोग के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केन्द्र द्वारा स्थापित किए जा रहे सैनिक स्कूलों तथा एम्स के लिए जमीन मुहैया कराई है। उन्होंने अपेक्षा की कि राज्य सरकार को भी केन्द्र से पूरा सहयोग मिलेगा।
कॉन्क्लेव को केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम मंत्री श्री कलराज मिश्र ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि स्पर्धा के युग में सभी को अवसर उपलब्ध कराना आवश्यक है। उत्तर प्रदेश में लघु उद्योगों को बड़े पैमाने पर अवसर उपलब्ध हैं। वे राज्य सरकार के साथ मिलकर इस बात का प्रयास करेंगे कि प्रदेश के नौजवान जॉब सीकर न बनें बल्कि जॉब गिवर बनें। केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश को उद्योगों के विकास के लिए हर सम्भव सहायता देगी। मेक इन इण्डिया के लिए युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत छोटे-छोटे उद्योगों की मदद से मैनुफैक्चरिंग हब बनेगा।