जीवन में सेक्स बेतरीन व्यायाम और औषधि भी है

sex ayurvedaहेल्थ डेस्क। पृथ्वी के निर्माण के साथ ही दो जीवों के मिलन की प्रक्रिया भी शुरू हुई जिसके बाद यह संसार बना। आज भी कई देशों में सेक्स को लेकर काफी पाबंदियां हैं मगर शायद उनको नहीं मालूम है कि सेक्स इस पूरी सृष्टि का मूल सार है, यह वास्तव में प्राकृतिक प्रवृति, जैविक आवश्कता है। इसका अस्तित्व सभी जीवों में विध्यमान है और इसी से पूरी दुनिया कायम भी है। यह एक बेहतरीन औषधि तथा व्यायाम है। किसी भी विवाहित जीवन में सेक्स संतुष्टी का बड़ा महत्व होता है। प्राकृतिक रूप तथा एक सीमा में किया गया सेक्स अनेक रोगों से दूर रखने में बड़ा योगदान देता है। अपने फीमेल पार्टनर में सेक्स करने के पहले सेक्सी बातचीत, कामुक अंगों को सहलाना, चुम्मन और सेक्स के लिए बेहतरीन माहौल बनाना लाभकारी होता है। इसके बिना स्त्री में कामोत्तेजना जागृत नहीं हो पाती है फल स्वरूप चरम आनंद की प्राप्ति नहीं हो सकती। संभोग क्रिया को उतावलेपन से वैवाहिक जीवन में अशांति होना निश्चित ही है। एक सफल सेक्स के लिए व्यक्ति को अपने स्खलन को कंट्रोल करना जरुरी है। सेक्स क्रिया में ड्राईवर मेल पार्टनर होता है, स्त्री तो मानो एक वाहन की तरह ही होती है। यह व्यक्ति की जिम्मेदारी है की स्त्री की सोई हुई कामिक्छा को पूर्ण रूप से जगाए। स्त्री एक पुष्प के समान होती है, जो की चरम आनंद प्राप्त कर खिल उठती है। स्त्री सेक्स क्रिया के दौरान जल्दबाजी से संतुष्ट नहीं हो पाती है इसीलिए तुरंत संभोग की मुख्य क्रिया पर टारगेट न करके, पुरुष को धीरे धीरे स्त्री को उत्तेजित करना चाहिए। सेक्स क्रिया कितने बार की इससे अधिक महत्वपूर्ण है की किस प्रकार से की गई क्योंकि सेक्स क्रिया एक विशेष प्रकार का व्यायाम ही है और इसमे सम्पूर्ण शरीर के अंग, मांसपेशिया हिस्सा लेती है। इससे दर्द से मुक्ति, हेल्थी स्किन, कैविटीज से सुरक्षा, सर्वाइकल कैंसर, तनाव, अच्छी नींद, रोग प्रतिरोधकता को बढ़ाना, हार्ट अटैक से बचना, गुड ब्लड सर्कुलेशन, वजन कम ,मेटाबॉलिजम को बेहतर, शरीर की खूबसूरती बढ़ाना, मानसिक संतुष्टी और अनेक लाभकारी प्रभाव होते हैं।