जानिए अक्टूबर में जन्म लेने की महत्ता

october birthफीचर डेस्क। अक्टूबर में जन्मे जातक हर क्षेत्र मे सफल होते हैं। ऐसे जातक लोगों को अच्छा मार्गदर्शन दे सकते हैं। ये अच्छे पथ-प्रदर्शक, नेता, अध्यापक, दार्शनिक व वैज्ञानिक होते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित संजय पांडे के अनुसार अक्टूबर माह में पैदा होने वाले जातक शुक्र प्रधान होते हैं और इनकी राशि तुला होती है। तुला राशि मे शनि उच्च के और सूर्य नीच के कहलाते हैं। कालपुरूष की कुंडली में तुला राशि सप्तम भाव का प्रतिनिधित्व करती है। वैसे तुला न्याय का प्रतीक चिह्न भी है। शुक्र सभी प्रकार के सुख-वैभव देने वाला ग्रह है। शुक्र का मतलब बलवान होता है और इसके जातक लाखों मे एक होते हैं। यदि अक्टूबर महीने में कोई जातक तुला लग्न में पैदा होता है तो ऐसे जातक का व्यक्तित्व आदर्श की मिसाल, भावना प्रधानता, शीघ्र निर्णय शक्ति और रचनात्मक कार्यों में रहने वाला होता है। यही नहीं इनमें सामने वाले की मन की बात को जानने की अद्भुत शक्ति होती है जो इन्हें अलग बनाती है।
सुंदरता स्वच्छता, फैशन, नृत्य व संगीत, अभिनय, प्रेम आदि के कारक व प्रदाता तुला राशि के स्वामी शुक्र ही है। अंक शास्त्र की बात करे तो अक्टूबर माह का मूलांक 1 व नामांक 3 है जिनके स्वामी क्रमश: सूर्य और देवगुरू बृृहस्पति हैं। इसलिए इन जातकों पर तीन बडे ग्रहों का असर होता है। सूर्य जहां उच्च पद, प्रधानता देने वाले होते हैं तो देवगुरू ज्ञान, वित्त प्रदाता व शुक्र समस्त प्रकार के सुख-सौंदर्य और भोग विलास देने वाले ग्रह हैं।
तुला राशि के स्वामी शुक्र दैत्य गुरू भी हैं इसलिए इस महीने पैदा हुए जातकों को राहू व केतु का सहयोग भी मिलता है। जो अच्छे समय में जातक को भरपूर ऊंचाइयां देते हैं तो विषम हालात में परेशानियों की गहरी खाई मे भी धकेलते हैं, इसलिए ऐसे जातक उच्चस्तरीय उन्नति व अवनति देखते हैं, लेकिन हार कभी नहीं मानते। शुक्र प्रधान जातकों को ज्योतिष शास्त्र मे सौंदर्य के पुजारी व शांति के दूत के रूप मे जाना जाता है। यही कारण है कि ?से लोग जीवन के हर क्षेत्र मे सफल होते हैं। ऐसे जातक लोगों को अच्छा मार्गदर्शन दे सकते हैं। ये अच्छे पथ-प्रदर्शक, नेता, अध्यापक, दार्शनिक, वैज्ञानिक होते हैं। महिला जातक होने की स्थिति मे उच्च-स्तरीय अभिनेत्री या विश्व सुंदरी के पद को सुशोभित करने वाली होती हैं। तुला राशि वायु तत्व प्रधान व कफ प्रकृति होने के कारण इस माह पैदा होने वाले जातक कुंडली में शुक्र के कमजोर होने पर फेफड़े व गला और मुंह के संक्रमण, त्वचारोग, गुप्त रोगों आदि से ग्रसित हो सकते हैं।