बिना भेदभाव के लड़ी जाये आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई: मोदी

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उफा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लडऩे का आह्वान किया और कहा कि ये लड़ाई आतंक के प्रायोजकों या समूहों या निशाना बनाए गए राष्ट्रों में बिना किसी भेदभाव के लडऩी चाहिए। मोदी ने ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के शिखर सम्मेलन में कहा कि शांति और स्थिरता हमारी सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति की आधारशिला है। ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम आतंकवाद की मौजूदा चुनौती से प्रभावशाली ढंग से निपटें। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मौजूदगी में मोदी ने अपने भाषण में कहा कि हमें इसके (आतंकवाद के) खिलाफ एकजुट होकर लडऩा चाहिए, समूहों या देशों, प्रायोजकों या निशाना बनाए गए देशों के बीच बिना किसी भेदभाव के। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा ब्रिक्स में और साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और राष्ट्रों के अन्य समूहों में भी करना चाहिए। मोदी की ये टिप्पणी इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र मंजूरी समिति की बैठक में पिछले महीने भारत के प्रस्ताव को रोक दिया था, जिसमें मांग की गई थी कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन कर मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड लश्कर ए तय्यबा के कमांडर लखवी की रिहाई के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की जाए। पाकिस्तान के सदाबहार मित्र समक्षे जाने वाले चीन ने भारत की ओर से पर्याप्त सूचना नहीं मुहैया कराये जाने की दलील दी थी। चीन की कमजोर साक्ष्य की दलील को भारतीय पक्ष द्वारा ठुकराये जाने के बीच मोदी ने कल शाम शी के साथ मुलाकात के दौरान इस घटनाक्रम पर चिन्ता व्यक्त की थी।