पद से हटने के बाद अनिल यादव पर सीबीआई की तलवार

uppsc-anil-yadavइलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन चेयरमैन अनिल यादव के अपॉइंटमेंट को अवैध करार दिया है। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, अनिल यादव का अपॉइंटमेंट फैक्ट्स को छिपाकर मनमाने तरीके से किया गया था। इसमें संविधान के आर्टिकल 316 की अनदेखी हुई। इसलिए इस अपॉइंटमेंट को कैंसिल किया जाता है।इसके बाद प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति उनके कार्यकाल में जितनी भी भर्तियां हुई हैंए उसकी सीबीआई से जांच कराना चाहती है। इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई है और उस पर सुनवाई चल रही है। अनिल यादव के खिलाफ कई पीआईएल दायर किए गए थे। इन्हें मंजूर करते हुए कोर्ट ने कहा, सरकार ने एक ही दिन में अनिल यादव को अपॉइन्ट करने की सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली। रविवार को छुट्टी होने के बावजूद लेखपाल से डीएम मैनपुरी ने यादव के पक्ष में उनके कैरेक्टर और बिहेवियर को लेकर रिपोर्ट हासिल की। उसे तुरंत सरकार को भेज दिया गयाए ताकि उनकी नियुक्ति की जा सके। कोर्ट ने कहा,अनिल यादव आगरा के रहने वाले हैं और वहां उनके खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज थे। सरकार ने इसकी कोई रिपोर्ट नहीं मांगी और नियुक्ति के लिए गवर्नर को फाइल भेज दी। यूपीपीएससी चेयरमैन जैसे अहम पोस्ट पर ऐसे आपराधिक छवि वाले शख्स को नियुक्त करना गलत था।कोर्ट का कहना है कि ऐसे पदों पर योग्य और अच्छे आचरण वाले व्यक्ति की नियुक्ति होनी चाहिए।