यजीद इस्लाम का पहला आतंकवादी

majlish bbkबाराबंकी। आज से चौदह सौ साल पहले सन् 61 हिजरी में एक जालिम बादशाह यजीद जो इस्लाम का पहला आतंकवादी था। जिसने जुल्म की इन्तहा पार कर दी। मुंशीगंज स्थित मसूद मंजिल में मौलाना मोहम्मद रजा जैदपुरी ने तीसरी मजलिस को खिताब किया। मौलाना ने आगे कहा कि एक दौर ऐसा भी था जब इंसान इंसान के खून का प्यासा था। तब हमारे नबी ने अपने एखलाक से शैतान को इंसान बनाया। वहीं दूसरी मजलिस मुगल दरबार स्थित डा असद अब्बास के अजाखाने में भी मौलाना रजा ने खिताब करते हुए कहा कि इमाम हुसैन ने अपने एखलाक से पूरी इंसानियात को निस्ता नाबूत होने से बचाया। मौलाना ने कहा कि इमाम हुसैन (अ.स.) ने अगर कर्बला में दीन को न बचाया होता तो आज हर मुसलमान बेदीनी होता और गुमराही का रास्ता अपना लेता। आज दुनिया मेें हर मजहब के लोग इमाम हुसैन का गम मनाते हैं और इमाम हुसैन के नाम पर सबीले लगाते हैं। आखिर में मौलाना ने इमाम हुसैन के दोस्त हबीब इब्ने मजाहिर के दर्दनाक मसायब बयान किये।