नौकरी और फिल्म स्टार बनाने की ठगी में महिलाएं भी है मददगार

thagi naukari ke nam parविशेष संवाददाता
लखनऊ। ठगी का गिरोह चला रहे लोग अब धंधे में महिलाओं का साथ ज्यादा मुफीद मान रहे है। इसीलिए मोटी कमाई करने के लिए राजधानी के कोने-कोने में खूबसूरत इमारातें में किराये पर लेकर आलीशान दफ्तर बनाकर बेरोजगारों को अपने जाल में फंसाकर उनकी गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं। कोई नौकरी दिलाने के नाम पर रूपये हजम कर रहा है तो कोई टॉवर लगवाने के नाम पर लोगों की रकम लूट रहा है। नौकरी पाने की आस में कई युवा इन ठगों के जाल में फंस कर मां-बाप की कमाई गवां चुके हैं। खास बात है कि यह वह ठग नहीं बल्कि हाईटेक जालसाज हो चुके हैं। अपना काला कारोबार चलाने के लिए अब युवतियों को इस काम में शामिल कर रहे हैं। शनिवार को गाजीपुर पुलिस ने ठगों के एक गिरोह का राजफाश किया तो सामने आया कि इस काले काम में एक युवती भी शामिल थी। यह लोग अपनी मीठी बातों में फंसाकर एटा निवासी अमित कुमार सिंह को उप्र राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था में चपरासी की नौकरी दिलाने के नाम पर 50 हजार रूपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया था। पुलिस की मानें तो यही नहीं यह गिरोह इससे पहले भी कई बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनकी रकम डकार चुके हैं। पुलिस इनके साथ शामिल अन्य लोगों की गर्दन दबोचने के लिए अपना जाल फैला दिया है। यह तो महज एक बानगी है, इससे पहले भी कई जालसाज बेरोजगारों से मोटी रकम वसूल कर फरार हो चुके हैं, लेकिन पुलिस गिरोह के असली सरगना तक नहीं पहुंच पाती। शनिवार को पुलिस के हत्थे चढ़े इंदिरानगर निवासी जालसाज अभिषेक वर्मा एवं सरिता सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस छानबीन की तो यह लोग फैजाबाद रोड स्थित गोयल कांप्लेक्स में आलीशान नौकरी दिलाने के नाम पर कार्यालय खोल रखा था।
युवतियों को मोहरा बनाकर फंसाते थे टार्गेट
पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि अभिषेक वर्मा चंद रूपयों की लालच देकर कई युवतियों को मोहरा बनाकर उनकी आड़ में बेरोजगार युवकों को फंसाता था और नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम ऐंठता था। सूत्रों की माने तो जालसाज अभिषेक इस कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए राजधानी के कोने-कोने में अपनी फौज तैयार कर ली है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि लखनऊ के अलावा आसपास के जिलों के कई ऐसे युवक-युवतियां आरोपी सरिता की चंगुल में फंसकर जालसाजी का काम करने के लिए अभिषेक की मदद कर रही हैं। शाहखर्ची और मौज मस्ती के लिए मनचाही रकम देकर अभिषेक ने उन्हें अपने गिरोह में शामिल कर लिया है। पुलिस मामले की गहन पड़ताल की तो सामने आया कि अभिषेक और सरिता ने मिलकर लखनऊ के अलावा उरई, लखीमपुर समेत अन्य जिलों के कई बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फंसाकर उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम ऐंठ चुका है। जालसाजी के आरोप में पकड़ी गई सरिता सिंह की मदद से अभिषेक मिश्रा गोयल का प्लेक्स में दफ्तर खोलकर जालसाजी के धंधे में पांव जमा रख रहा था। सवाल है कि यही नहीं राजधानी में कई ऐसे जालसाजों के गिरोह पकड़े जा चुके हैं, जो अपनी भोली बातों में फंसाकर बेरोजगारों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल चुके हैं। यही नहीं 24 मार्च 2013 को तिलकनगर, दिल्ली निवासी रुपिन्दर कौर की अभिनेत्री बनने की चाहत ने उन्हें लखनऊ तक खींच लाई थी। ऐसा क्यूं किया नाम की फिल्म में नायिका बनाए जाने का दावा करने दो जालसाजों राजाजीपुरम निवासी विपिन कुमार पांडेय और गुड्डू को पुलिस गिर तार किया था। यह लोग फिल्म स्टार बनने का झांसा देकर मोटी रकम वसूला था। मास्टर माइंड जालसाज विपिन ने केपीएस फिल्म हाउस एंड कंपनी के नाम वेबसाइट बना रखा था। तो यह सिलसिला आज से नहीं बल्कि राजधानी में पहले से चला आ रहा है। पुलिस एक दो को पकड़ कर अपनी पीठ ठोंक लेती है, लेकिन गिरोह के सरगना तक नहीं पहुंच पाती।