देश के प्रमुख जलाशयों में है 91 अरब घन मीटर जल

jalashayनई दिल्ली। देश के 91 प्रमुख जलाशयों में 21 अक्टूबर को 91.667 बीसीएम (अरब घन मीटर) जल का संग्रहण आंका गया। यह इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 58 प्रतिशत है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के कुल संग्रहण का 77 प्रतिशत तथा पिछले दस वर्षों के औसत जल संग्रहण का 76 प्रतिशत है। इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है जो देश की अनुमानित संग्रहण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 प्रतिशत है। इन जलाशयों में से 37 जलाशय 60 मेगावॉट से ज्यादा की स्थापित क्षमता के साथ जल विद्युत का उत्पादन करते है।
उत्तरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान आते हैं। इस क्षेत्र में सीडब्ल्यूसी निगरानी के तहत 18.01 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 6 जलाशय हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 14.66 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 81 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 76 प्रतिशत थी। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों का पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण कुल क्षमता का 80 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण बेहतर है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी बेहतर है।
पूर्वी क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा आते हैं। इस क्षेत्र में 18.83 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 15 जलाशय हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 12.79 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 68 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 78 प्रतिशत थी और इसी अवधि में इन जलाशयों में पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण कुल क्षमता का 77 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण कम रहा और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी कम है।
पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात तथा महाराष्ट्र आते हैं। इस क्षेत्र में 27.07 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 27 जलाशय हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 16.12 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल क्षमता का 60 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्ििथत 79 प्रतिशत थी और इसी अवधि में इन जलाशयों में पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण कुल क्षमता का 82 प्रतिशत था। इस तरह चालू वर्ष में संग्रहण पिछले वर्ष से कम रहा और यह पिछले 10 वर्षों के औसत संग्रहण से भी कम रहा।
मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ आते हैं। इस क्षेत्र में 42.30 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 12 जलाशय हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 30.37 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 72 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण 82 प्रतिशत थी और इसी अवधि में इन जलाशयों में पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण कुल क्षमता का 68 प्रतिशत था।
दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु आते हैं। इस क्षेत्र में 51.59 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 31 जलाशय हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 17.73 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 34 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण 68 प्रतिशत थी और इसी अवधि में इन जलाशयों में पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण कुल क्षमता का 80 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण कम रहा और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी कम है।