लखनऊ। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग जितेन्द्र कुमार ने कहा है कि लड़कियां जूडो कराटे का प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने आत्मरक्षार्थ साहस दिखायें एवं जीवन के हर क्षेत्र में आत्मविश्वास का परिचय दें। उन्होंने कहा कि अपने साथ हो रहे अन्याय पर प्रतिक्रिया अवश्य दें ताकि आस-पास के लोग भी उनका साथ दे सकें। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को आत्मरक्षा हेतु सजग बनाये जाने के लिए प्रदेश सरकार काफी गम्भीरता से प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी यह एक शुरूआत है हमें उस दिन का इन्तजार है जब समस्त लड़कियां आत्मरक्षार्थ जूडो-कराटे एवं मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण प्राप्त कर किसी भी परिस्थिति में अपनी आत्मरक्षा के लिए तैयार होगीं। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि बालिकाओं को अधिक से अधिक समस्त क्षेत्र में सफलता प्राप्त हो जिसके लिए सरकार समय-समय पर अनेक कार्यक्रम आयोजित करती रहती है।
जितेन्द्र कुमार आज केडी सिंह बाबू स्टेडियम में प्रदेश की बालिकाओं को आत्मरक्षा हेतु एक समान प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण हेतु आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षक अपनी जिम्मेदारियों को गम्भीरता से समझें एवं अध्ययनरत् बालिकाओं को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करें ताकि समय पर लड़कियां अपनी आत्मरक्षा करने में सक्षम हो सकें। उन्होंने यूपी जूडो एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कहा कि कार्यशाला में प्रशिक्षकों को मार्शल आर्ट एवं जूडो-कराटे की बारीक से बारीक तकनीकियों से अवश्य अवगत करा दिया जाये जिससे कि वे विद्यालयों में आत्मरक्षार्थ लड़कियों को कुशलता से प्रशिक्षण दे सकें।
श्री कुमार ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले चरण में 30 जिलों के 60 प्रशिक्षक हिस्सा ले रहे हैं, जिनके द्वारा कानपुर, कानुपर-देहात, इलाहाबाद, हरदोई, बरेली, सीतापुर, रामपुर, सहारनपुर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, अलीगढ़, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, फैजाबाद, गोरखपुर, फिरोजाबाद, आगरा, जे0पी0 नगर, झांसी, लखीमपुर, इटावा, शाहजहांपुर, आजमगढ़, जौनपुर, कन्नौज, भदोही, गौतमबुद्धनगर, उन्नाव, लखनऊ में यथाशीघ्र विभिन्न स्कूलों/कालेजों में प्रशिक्षण आरम्भ किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह में लगभग 30 हजार बालिकाओं को डेढ़ से दो घन्टे का जूडो सेल्फ-डिफेन्स एवं मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि समय-समय पर राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर, ओलम्पिक व कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने वाले प्रदेश के खिलाडिय़ों को भी इन बालिकाओं के बीच लाकर उनको प्रेरणा स्रोत बनाया जायेगा।