इसरो ने किया 5 ब्रिटिश उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण

ISRO-HLV
श्रीहरिकोटा। ब्रिटिश उपग्रहों के 5 सफल प्रक्षेपण के साथ ही भारत ने अरबों डॉलर के अंतरिक्ष कारोबार के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है। इन उपग्रहों को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब तक 19 देशों के 45 उपग्रहों को अंतरिक्ष भेज चुका है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अब तक के सबसे भारी व्यावसायिक मिशन के तहत एक भारतीय रॉकेट 1440 किलोग्राम भार वाले 5 ब्रिटिश उपग्रहों को लेकर शुक्रवार को रवाना हो गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के उपग्रह वाहन पीएसएलवी-28 ने पांच ब्रिटिश उपग्रहों के साथ सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रात नौ बजकर 58 मिनट पर उड़ान भरी। उड़ान भरने के करीब 20 मिनट के बाद उसने पांचों उपग्रहों को सौर-समकालिक कक्षा में स्थापित किया। पांच ब्रिटिश उपग्रहों में तीन डीएमसी-3 पृथ्वी की निगरानी करने वाले उपग्रह हैं, जिनका वजन 447 किलोग्राम है। इन उपग्रहों को सूर्य से 647 किलोमीटर की दूरी पर कक्षा में स्थापित किया जाएगा। वहीं दो अन्य उपग्रह सीबीएनटी-1 का भार 91 किलोग्राम तथा डी-ऑर्बिट सेल का वजन सात किलोग्राम है।
खुशी से भरे इसरो अध्यक्ष किरन कुमार ने बताया कि यह बहुत अच्छा मिशन रहाज् बहुत सफल मिशन रहा। यह उपग्रह पृथ्वी की सतह पर रोजाना किसी भी लक्ष्य की तस्वीर ले सकते हैं। इनका मुख्य उपयोग पृथ्वी पर संसाधनों और उसके पर्यावरण का सर्वेक्षण करना, शहरी अवसंरचना का प्रबंधन करना और आपदा प्रबंधन है। इस मिशन की उम्र सात वर्ष रहने की संभावना है। इसरो की सफलता पर प्रधानमंत्री ने भी बधाई दी है कि और कहा कि यह देश के लिए सम्मानजनक घटना है।