लखनऊ फरवरी। उत्तर प्रदेश सरकार 10 हजार करोड़ की लागत से अमेरिका के डिज्नी लैण्ड की तर्ज पर आगरा थीम पार्क का निर्माण कराएगी। सरकार का दावा है कि थीम पार्क के माध्यम से देशी-विदेशी पर्यटकों को ‘इन्फोटेनमेन्ट’ के जरिये देश के सांस्कृतिक इतिहास की रुचिपूर्ण तरीके से पेश किया जाएगा। पार्क की इस योजना में 7 शहरों के मॉडल स्थापित किए जाएंगे, जिसका भ्रमण पर्यटक मोनो रेल के जरिये करेंगे। मोनो रेल पर बैठे पर्यटक ‘मोहनजोदड़ो’ तथा ‘पाटलीपुत्र’ काल का भ्रमण करते हुए रामायण काल, महाभारत काल, गुप्त काल,…
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अगस्तेश्वर मंदिर: जहां अगस्त ऋषि ने शिव को किया प्रसन्न
फीचर डेस्क। तो सृष्टि के कण-कण में शिव का वास है और श्री महादेव अर्थात् साक्षात् महाकालेश्वर इस भू- लोक के स्वामी हैं। भगवान शिव के भारतभर में लोकप्रिय मंदिर हैं। बारह ज्योर्तिलिंग शिव के जागृत स्वरूप का प्रतीक है। जिनमें विश्वभर के श्रद्धालुओं की आस्था रहती है। इन ज्योर्तिलिंगों के अलावा भी शिवलिंग ऐसे हैं जो श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र रहते हैं। इन्हीं शिवलिंगों में बेहद लोकप्रिय है श्री अगस्तेश्वर महादेव मंदिर। जी हां, मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक नगरी और पौराणिक शहर उज्जैन में मां हरसिद्धि का सिद्ध पीठ…
Read Moreजानिए किस दुर्ग में टपकता था दरवाजे से खून
फीचर डेस्क। भदावर राजाओं की शौर्यगाथाओं को चंबल में अटेर दुर्ग की ऐतिहासिक इमारत आज भी बयां कर रही है। शौर्य के प्रतीक लाल दरवाजे से ऐतिहासिक काल में खून टपकता था, इस खून से तिलक करने के बाद ही गुप्तचर राजा से मिल पाते थे। आज भी इस दरवाजे को लेकर किवदंतिया जिले भर में प्रचलित है। खूनी दरवाजे का रंग भी लाल है। इस पर ऊपर वह स्थान आज भी चिन्हित है जहां से खून टपकता था। दरवाजे के ऊपर भेड़ का सिर काटकर रखा जाता था: भदावर…
Read Moreभारत का ऐसा आइलैंड जहां पहुंंच नहीं सका कोई बाहरी शख्स
पर्यटन। विश्व के लगभग हरेक हिस्सों में प्राचीन आदिम जन जातियां निवास करती है जो की वहां पर हजारों-लाखों सालो से रहती आई है। इनमे से लगभग सभी समुदायों तक आधुनिक दुनिया की पहुंच हो चुकी है और वो भी बाकी दुनिया के लोगों से घुल मिल चुके है। लेकिन अभी भी कुछ गिनी चुनी ऐसी आदिम जनजातियां है जिन्हें अपने जीवन में बाहरी दुनिया का हस्तक्षेप पसंद नहीं है। ऐसी ही एक जनजाति है लॉस्ट ट्राइब जहां इसने आज तक किसी भी बाहरी शख्स को अपनी जमीन पर कदम…
Read Moreकेरल: एक गांव ऐसा जहां केवल पैदा होते हैं जुड़वा बच्चे
फीचर डेस्क। वैसे तो जुड़वा बच्चों का जन्म होना कोई आश्चर्य वाली बात नहीं, लेकिन जब किसी गांव में सभी बच्चे जुड़वा ही जन्म लेते हो तो सोचने वाली बात हो जाती है। केरल के मलप्पुरम शहर के नजदीक स्थित गांव कोडिन्ही कुछ ऐसा ही है। कोडिन्ही गांव में एक हजार से ज्यादा जुड़वां बच्चे हैं। इसकी वजह से यहां दुनियाभर के शोधार्थियों और मीडिया का जमावड़ा लगा रहता है। गांव वाले इसे अपनी निजता में खलल मान रहे हैं। बच्चों के परिजनों ने स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर बच्चों…
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