सुरेश हिन्दुस्थानी। कोरोना के प्रति शासन, प्रशासन और आम जनता की लापरवाही के परिणाम अत्यंत भयावह रूप लेते दिखाई दे रहे हैं। संक्रमितों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि के बाद भी हमारा समाज किसी प्रकार का सबक लेने की मानसिकता नहीं बना सका है। इससे पहले भी लॉकडाउन की अवधि के दौरान जनमानस अच्छे बुरे की पहचान कर चुका है। लेकिन ऐसा लगता है हम जानते हुए अनजान बन जाते हैं। इसके पीछे का कारण यह भी माना जा सकता है कि हमारा समाज लम्बे समय तक ऐसी…
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अभी और कम होंगे गोल्ड के दाम
डेस्क। इस साल निवेशकों को मोटा रिटर्न दे चुका सोना अब झटका देने लगा है। कोरोना का टीका तैयार होने की खबरों के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 1049 रुपये की भारी गिरावट के साथ 49 हजार रुपये के स्तर से भी नीचे पहुंच गया। सोने का दाम 48569 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया।दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना मंगलवार को 1,049 रुपये की गिरावट के साथ 48,569 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी है। पिछले कारोबारी सत्र में सोने का भाव…
Read Moreचार मास बाद जगेंगे श्री हरि
डेस्क। भगवान श्री हरि विष्णु जगत के पालनहार हैं। कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी देवउठनी एकादशी को भगवान श्री हरि विष्णु चार माह के शयनकाल के बाद जागते हैं। जागृत होने के बाद भगवान को सबसे पहले तुलसी अर्पित की जाती है। माना जाता है कि भगवान श्री हरि विष्णु जब चार माह की निद्रा के बाद जागते हैं तो सबसे पहले तुलसी की ही प्रार्थना सुनते हैं। देवउठनी एकादशी का उपवास करने से गोदान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। इस एकादशी को हरि प्रबोधिनी एकादशी और…
Read Moreदेवउठनी एकादशी: क्या करें, क्या न करें
डेस्क। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान यानी देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है। देवउठनी एकादशी को हरिप्रबोधिनी एकादशी व देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता हैं। इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व है। इस दिन तुलसी विवाह भी आयोजित किया जाता है। इस एकादशी पर तुलसी विवाह का सबसे ज्यादा महत्व होता है। देवउठनी एकादशी को छोटी दिवाली के रूप मे मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में दीपक भी जलाते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन विधि विधान के साथ…
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