बच्चों में भूख बढ़ाने वाले योगासन

हेल्थ डेस्क। बच्चों में भूख को लेकर होने वाली समस्याएं बेहद आम हैं। शैक्षणिक दबाव के कारण उन्हें कई बार समय पर भोजन करने का समय नहीं मिल जाता है ऐसे में उनकी भूख भी मर जाती है और शरीर में हेल्दी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।अगर आपके घर-परिवार में भी किसी बच्चे को भूख सम्बंधी कोई समस्या है तो उसे प्रतिदिन 15 मिनट योगा करवाएं। योगा से बच्चों का स्वास्थ्य सही रहता है और उनकी भूख भी बढ़ती है। आइए जानते हैं भूख सम्बंधी समस्याओं को दूर…

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वेश्यावृत्ति: कोठों से निकल वेबसाइटों तक पहुंची

फीचर डेस्क। वेश्यावृत्ति का भी पूरी दुनिया में चरम उभार हो चुका है। पोस्ट मॉडर्न सोसाइटी में वेश्यावृत्ति के अलग-अलग रूप भी सामने आए हैं। रेड लाइट इलाकों से निकल कर वेश्यावृत्ति अब मसाज पार्लरों एवं एस्कार्ट सर्विस के रूप में भी फल-फूल रही है। देह का धंधा कमाई का चोखा जरिया बन चुका है। गरीब और विकासशील देशों जैसे भारत, थाइलैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश आदि में सेक्स पर्यटन का चलन शुरू हो चुका है। पुराने वक्त के कोठों से निकल कर देह व्यापार का धंधा अब वेबसाइटों तक पहुंच गया…

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जीवन चलाने के लिए जीवन को ही दांव पर लगा दिया गया।

डॉ नीलम महेंद्र। विज्ञान के दम पर विकास की कीमत वैसे तो मानव वायु और जल जैसे जीवनदायिनी एवं अमृतमयी प्राकृतिक संसाधनों के दूषित होने के रूप में चुका ही रहा था किंतु यही विज्ञान उसे कोरोना नामक महामारी भी भेंट स्वरूप देगा इसकी तो उसने स्वप्न में भी कल्पना नहीं की होगी। अब जब मानव प्रयोगशाला का यह जानलेवा उपहार उस पर थोपा जा ही चुका है तो निसंदेह उसे प्रकृति के सरंक्षण और उसके करीब रहने का महत्व समझ आ गया होगा। लेकिन वर्तमान में इससे अधिक महत्वपूर्ण…

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कोरोना ने छीनी फूलवालों की जिदंगी से खुशबू

पृथ्वी परिहार, जयपुर। जनता मार्केट में राजस्थान की सबसे पुरानी व बड़ी फूल मंडी पूरे दो महीने से बंद हैं। निषिद्ध क्षेत्र में होने के कारण इसके जल्द खुलने की संभावना भी नहीं है। लॉकडाउन के कारण कमोबेश यही हालत राज्य की प्रमुख फूल मंडियों की है।कोरोना वायरस संक्रमण से उपजे संकट ने फूलों की खेती और कारोबार करने वाले हजारों हजार किसानों, मालियों व फूल वालों की जिंदगी से मानों खुश्बू छीन ली है।दो महीने के लॉकडाउन में फूलों का कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है। राजधानी…

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लॉकडाउन में जिला सूरजपुर के शिक्षकों ने रच डाला काव्य संग्रह

सूरजपुर (छत्तीसगढ़), जिले के तेरह शिक्षकों को, कोरोना वायरस के चलते, गृह संगरोध (होम क्वारंटाइन) होना पड़ा। मगर शिक्षक तो विषम परिस्थिति को भी सुयोग अवसर बना लेता है। कुछ ऐसा ही किया जिला के इन तेरह शिक्षकों ने। अपने घर में बंद, इन शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अपनी कलम उठायी, और रच डाली एक काव्य कृति अंतर्नाद – काव्य सरिता। इस पुस्तक का प्रकाशन पंचकुला हरियाणा के प्रकाशक ‘द इंडियन वर्डस्मिथ’ द्वारा किया जा रहा है। कम्पनी के प्रवक्ता ने बताया की 144 पृष्ठ की यह पुस्तक ऑनलाइन स्टोर्स के इलावा…

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