गोदरेज एग्रोवेट ने किया जोमैटो और स्विगी से करार

मुंबई। गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड (जीएवीएल) इस विविध कृषि व्यवसाय कंपनी ने जोमैटो और स्विगी इन फ़ूड डिलीवरी ऐप्स के साथ साझेदारी की घोषणा की है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भी अपने ग्राहकों को खाने की सभी आवश्यक चीजें मिलती रहे इसलिए कंपनी ने यह निर्णय लिया है। इस साझेदारी के तहत गोदरेज एग्रोवेट की उपकंपनी क्रीमलाईन डेरी उसके गोदरेज जर्सी ब्रांड के तहत आवश्यक खाद्य पदार्थ ग्राहकों तक पहुंचाएगी। इसमें दूध, घी, दही, पनीर, छास आदि उत्पाद हैं। बिग बास्केट और फ्लिपकार्ट इन ई-कॉमर्स साईट्स पर यह सभी उत्पाद…

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रिपोर्ट: 5 करोड़ भारतीयों के पास हाथ धोने का भी टोटा

नयी दिल्ली। भारत में पांच करोड़ से अधिक भारतीयों के पास हाथ धोने की ठीक व्यवस्था नहीं है जिसके कारण उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने और उनके द्वारा दूसरों तक संक्रम फैलाण फैलने का जोखिम बहुत अधिक है।अमेरिका में वाशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ मैट्रिक्स ऐंड इवेल्यूएशन (आईएचएमई) के शोधकर्ताओं ने कहा कि निचले एवं मध्यम आय वाले देशों के दो अरब से अधिक लोगों में साबुन और साफ पानी की उपलब्धता नहीं होने के कारण अमीर देशों के लोगों की तुलना में संक्रमण फैलने का जोखिम अधिक…

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दुनिया में कोरोना मामले 50 लाख के करीब

डेस्क। जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के अनुसार वैश्विक कोरोनोवायरस मामलों की कुल संख्या बढक़र 48 लाख हो गई है, जबकि इस वायरस से मरने वालों की संख्या 3,23,000 को पार कर गई है। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई)के नए अपडेट के अनुसार, विश्व भर में बुधवार सुबह तक कुल मामलों की संख्या बढक़र 4,897,492 पहुंची, जबकि इस वायरस से अबतक 323,285 लोगों की मौत हो चुकी है।वर्तमान में विश्व में सबसे अधिक कोरोनावायरस मामलों की संख्या अमेरिका में है। यहां अबतक कुल कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 1,528,568…

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ओस चाटने से प्यास नहीं बुझेगी

नंद लाल वर्मा। कोविड-19 की एक माह की आर्थिक मार से ही पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का दावा करने वाली देश और प्रदेश की बीजेपी शासित सरकारें पस्त और निढाल होकर कर्मचारियों के कई प्रकार के भत्तों पर गाज गिराने पर उतारू और मजबूर हो गई हैं।इससे पूर्व डी ए सीज करते हुए मार्च माह के वेतन से एक दिन का वेतन भी काटकर कोरोना राहत कोष में ले लिया गया।विधायकों और सांसदों के भत्तों में कटौती करना तो दूर, कोरोना काल में भी उनमें इज़ाफ़ा किया जाना कितना न्यायोचित…

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स्वदेशी भाव से ही आएगी आत्म निर्भरता

सुरेश हिंदुस्थानी। चीनी वायरस के पैदा हुई परिस्थितियों ने विश्व के सभी देशों को यह सोचने के लिए विवश कर दिया है कि अब भविष्य की योजनाएं क्या होना चाहिए। यह सोचना इसलिए भी अहम है, क्योंकि इस वायरस के कारण दुनिया के देश अपनी प्रगति की पटरी से बहुत नीचे उतर चुके हैं। फिर पटरी पर आने के समस्त विश्व के देश मंथन की मुद्रा में हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। हालांकि कोरोना वायरस की अवधि के दौरान भारत की सरकार और भारत की जनता ने जिस…

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