ललित गर्ग। भारत एक है, संविधान एक है। लोकसभा एक है। सेना एक है। मुद्रा एक है। राष्ट्रीय ध्वज एक है। लेकिन इन सबके अतिरिक्त बहुत कुछ और है जो भी एक होना चाहिए। बात चाहे राष्ट्र भाषा हो या राष्ट्र गान या राष्ट्र गीत- इन सबको भी समूचे राष्ट्र में सम्मान एवं स्वीकार्यता मिलनी चाहिए। राष्ट्र भाषा हिन्दी को आजादी के 72वर्ष बीत जाने पर भी अपने ही देश में घोर उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है, जो राष्ट्रीय शर्म का विषय है, जबकि विश्व में हिन्दी की…
Read MoreCategory: विचार
शराबखोरी के विरुद्ध संगठित मातृशक्ति की जीत
ललित गर्ग। विश्व की गम्भीर समस्याओं में प्रमुख है शराब का बढ़ता प्रचलन और उससे होने वाली अकाल मौतें। सरकार भी विवेक से काम नहीं ले रही है। शराबबन्दी का नारा देती है, नशे की बुराइयों से लोगों को आगाह भी करती है और शराब का उत्पादन भी बढ़ा रही है। राजस्व प्राप्ति के लिए जनता की जिन्दगी से खेलना क्या किसी लोककल्याणकारी सरकार का काम होना चाहिए? गुजरात प्रांत में कुल शराबबन्दी है, क्योंकि वह महात्मा गांधी का गृह प्रदेश है। क्या पूरा देश गांधी का नहीं है? वे…
Read Moreअमिट रहेगा संत लोंगोवाल का बलिदान
ललित गर्ग। पंजाब ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत की माटी को प्रणम्य बनाने में अकाली आन्दोलन के प्रमुख एवं चर्चित सिख संत महापुरुष हरचंद सिंह लोंगोवाल का पंजाब समस्या के समाधान में अमूल्य योगदान है, वे अखण्ड भारत एवं आदर्श एवं संतुलित समाज रचना के प्रेरक थे। वे धार्मिकता एवं राजनीति के समन्वयक महानायक थे। उन्होंने सिख राजनीति को नये आयाम दिये, घोर अन्धकार की स्थितिया में वे एक रोशनी बनकर सामने आये। हरचंद सिंह लोंगोवाल का जन्म 2 जनवरी 1932 को पटियाला रियासत, वर्तमान में पंजाब के संगरूर जिले…
Read Moreनिरंकारी समुदाय की रोशनी का विलीन होना
ललित गर्ग। मानवता को समर्पित संत निरंकारी मिशन की पांचवीं सद्गुरु माता सविंदर हरदेवजी ने इस संसार से विदा ले ली है, 5 अगस्त 2018 रविवार को सांय पांच बजे बीमारी के चलते उनका स्वर्गवास हो गया। उनका निधन दुनिया के समूचे अध्यात्म जगत की एक अपूरणीय क्षति है। वे हाल ही में बाबा हरदेव सिंह के ब्रह्मलीन होने के बाद संत निरंकारी मिशन की आध्यात्मिक प्रमुख बनी। 17 जुलाई 2018 को उन्होंने बीमार रहने के कारण अपनी जिम्मेदारी अपनी सबसे छोटी बेटी सुदीक्षा को सौंपते हुए उन्हें छठे सद्गुरू…
Read Moreएमपी के किसान आधुनिक पद्धतियों का उपयोग कर बढ़ा रहे हैं आमदनी
इंदौर। देश की वर्तमान जनसंख्या 1.35 अरब से अधिक है, जो एक अनुमान के अनुसार 2025 तक विश्व में पहले स्थान पर पहुंच जाएगी। इस प्रकार निरंतर बढ़ती जनसंख्या की खाद्यान्न की आवश्यकता पूर्ति हेतु हमें देश में खाद्यान्न की उत्पादन सन् 2025 तक 380 मि. टन और सन् 2050 तक 480 मि. टन तक बढ़ाना होगा। साथ ही बढ़ती आवश्यकता के अनुरूप ही तिलहन, चीनी, सब्जी-फल, चारा, रेशा,दूध, मांस-मछली आदि का उत्पादन भी बढ़ाना होगा, लेकिन समस्या यह है कि दिन-प्रतिदिन भूमि की उपलब्धता कम होती जा रही है।…
Read More