चुनाव प्रक्रिया को कब तक दूषित करेंगे

ललित गर्ग। सत्रहवीं लोकसभा के लिये जारी चुनाव अभियान में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की बढ़ती घटनाएं एक आदर्श लोकतंत्र को धुंधलाने की कुचेष्टा है। निर्वाचन आयोग की सख्ती के बाद भी बड़बोले नेताओं की बेतुकी, अपमानजनक, अमर्यादित बयानबाजी थमती न दिखना चिंताजनक है। हैरानी यह है कि नेता वैसे ही आपत्तिजनक बयान देने में लगे हुए हैं जैसे बयानों के लिए उन्हें निर्वाचन आयोग द्वारा दंडित करते हुए इस तरह का विवादित चुनाव प्रचार करने से रोका जा चुका है। फिर भी आम चुनाव के प्रचार में इनदिनों…

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हिन्दी की उपेक्षा को चुनावी मुद्दा बनाये

ललित गर्ग। देश के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे चर्चित होने वाला आसन्न आम चुनाव क्या मुद्दाविहीनता, फूहड़ता, भाषाई अशिष्टता, निजी अपमान के लिये ही याद किया जायेगा? सवाल है कि क्या हमारी राजनीतिक बिरादरी राष्ट्रीयता एवं राष्ट्रीय प्रतीकों से जुड़े किसी मुद्दे पर कोई सार्थक या गंभीर बहस छेड़ेंगी? क्या लोकतंत्र का यह महापर्व अपने राष्ट्रीय अस्तित्व एवं अस्मिता के लिये कोई ठोस उपक्रम के लिये जाना जायेगा? क्यों नहीं लोकतंत्र का यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण अनुष्ठान अपने राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे राष्ट्रभाषा हिन्दी, राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय गीत, राष्ट्रीय पक्षी आदि को…

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पश्चिम बंगाल में क्या लोकतंत्र जीवित है?

ललित गर्ग। पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ समय से जिस तरह की दमनकारी, नकारात्मक, अराजक एवं अलोकतांत्रिक घटनाएं हो रही है, शारदा चिट फंड घोटाले से जुड़े तथ्यों को सामने आने से रोकने के लिये वहां प्रशासनिक ढ़ांचे, तृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार ने जिस तरह का अपवित्र एवं त्रासद गठबंधन कर लिया है, उसे देखते हुए एक बड़ा प्रश्न खड़ा है कि क्या वहां कानून का राज चलता है? क्या वहां लोकतंत्र जीवित है? यह आज एक बहुत बड़ा सवाल बन गया है। जिस तरह के हालात पश्चिम बंगाल…

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संघ की बुनियादी सोच का अनुष्ठान

ललित गर्ग। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का आज से दिल्ली के विज्ञान भवन में तीन दिन का विचार अनुष्ठान शुरू हो रहा है। ‘भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का दृष्टिकोण’ विषयक इस अनुष्ठान में राष्ट्रीय मुद्दों पर संघ के विचारों, उसके नजरिये एवं कार्यक्रमों को प्रकट किया जायेगा। जिसमें उससे वैचारिक मतभेद रखने वाले चिन्तकों, राजनेताओं, समाजसुधारकों एवं धर्मगुरुओं को भी आमन्त्रित किया गया है। सर्वविदित है कि वर्तमान भारतीय जनता पार्टी सरकार मूल रूप से संघ की नीतियों एवं विचारों की सरकार है। यह सरकार संघ के…

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ईश्वर की तलाश खुद में करें

ललित गर्ग। परमात्मा को अनेक रूपों में पूजा जाता है। कोई ईश्वर की आराधना मूर्ति रूप में करता है, कोई अग्नि रूप में तो कोई निराकार! परमात्मा के बारे में सभी की अवधारणाएं भिन्न हैं, लेकिन ईश्वर व्यक्ति के हृदय में शक्ति स्रोत और पथ-प्रदर्शक के रूप में बसा है। जैसे दही मथने से मक्खन निकलता है, उसी तरह मन की गहराई में बार-बार गोते लगाने से स्वयं की प्राप्ति का एहसास होता है और अहं, घृणा, क्रोध, मद, लोभ, द्वेष जैसे भावों से मन विरक्त हो पाता है। हर…

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