ललित गर्ग। भगवान श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति के एक अद्भुत एवं विलक्षण महानायक हैं। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसकी तुलना न किसी अवतार से की जा सकती है और न संसार के किसी महापुरुष से। उनके जीवन की प्रत्येक लीला में, प्रत्येक घटना में एक ऐसा विरोधाभास दीखता है जो साधारणत: समझ में नहीं आता है। यही उनके जीवन चरित की विलक्षणता है और यही उनका विलक्षण: जीवन दर्शन भी है। ज्ञानी-ध्यानी जिन्हें खोजते हुए हार जाते हैं, जो न ब्रह्म में मिलते हैं, न पुराणों में और न वेद की ऋचाओं…
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कल की चिंता आज क्यों करें?
ललित गर्ग । कभी ऐसे भी लोगों को हम देखते हैं जो उम्र से युवा हैं पर चेहरा बुझा-बुझा है। न कुछ उनमें जोश है न होश। अपने ही विचारों में खोए-खोए, निष्क्रिय ओर खाली-खाली से, निराश और नकारात्मक तथा ऊर्जा विहीन। हाँ सचमुच ऐसे लोग पूरी नींद लेने के बावजूद सुबह उठने पर खुद को थका महसूस करते हैं, कार्य के प्रति उनमें उत्साह नहीं होता। ऊर्जा का स्तर उनमें गिरावट पर होता है। क्यों होता है ऐसा? कभी महसूस किया आपने? यह सब हमारी शारीरिक स्वस्थता के साथ-साथ…
Read Moreसिस्टम की रोग मुक्ति सफलता का आधार
ललित गर्ग। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का सौ दिनों का कार्य अंधेरों में रोशनी का प्रतीक बना है। सरकार ने इन दिनों में विकास के प्रतिमानों को ऊंचा रखते हुए लोगों के दिल को जीतने का काम किया है। इस अल्पावधि में सरकार ने अपनी नीतियों, योजनाओं एवं कार्यों से जन-जन में लोकप्रियता प्राप्त की है। प्रदेश की जनता ने बदलाव भी देखा और महसूस भी किया, भय, भ्रष्टाचार एवं अफसरशाही पर लगाम कसी है, बिजली की कटौती से राहत मिली है, विकास की नयी संभावनाओं ने पांव…
Read Moreगुरु पूर्णिमा गुरु-पूजन का अनूठा पर्व
ललित गर्ग। पर्वों, त्यौहारों और संस्कारों की भारतभूमि में गुरु का स्थान सर्वोपरि माना गया है। पश्चिमी देशों में गुरु का कोई महत्व नहीं है, वहां विज्ञान और विज्ञापन का महत्व है परन्तु भारत में सदियों से गुरु का महत्व रहा है। गुरु-पूर्णिमा गुरु-पूजन का पर्व है। सन्मार्ग एवं सत-मार्ग पर ले जाने वाले महापुरुषों के पूजन का पर्व, जिन्होंने अपने त्याग, तपस्या, ज्ञान एवं साधना से न केवल व्यक्ति को बल्कि समाज, देश और दुनिया को भवसागर से पार उतारने की राह प्रदान की है। जीवन विकास के लिए…
Read Moreदूषित सोच से लोकतंत्र का कमजोर होना
ललित गर्ग। पिछले दिनों हमारी संकीर्ण सोच एवं वीआईपी संस्कृति में कुछ विरोधाभासी घटनाओं ने न केवल संस्कृति को बल्कि हमारे लोकतंत्र को भी शर्मसार किया है। एक घटना गुजरात की है जिसमें गुजरात विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा गलत जगह पार्किंग करने पर गार्ड द्वारा सही पार्किग लगाने की सलाह देना उसके लिये नौकरी से हाथ धोने का कारण बनी, वही दूसरी दिल्ली के गोल्फ क्लब में नस्ली भेदभाव की घटना जिसमें परम्परागत पोशाक जैनसेम पहनकर आने पर मैनेजर द्वारा उसे बाहर कर देने की घटना भी हमारे लिये चिन्ता का…
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