कैलाश पर्वत पर मिलारेपा ने रखा था पांव

फीचर डेस्क। हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत का बहुत महत्व है, क्योंकि यह भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। इसी के साथ इन सभी के बीच सोचने वाली बात यह है कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को अभी तक 7000 से ज्यादा लोग फतह कर चुके हैं, जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है, लेकिन कैलाश पर्वत पर आज तक कोई नहीं चढ़ पाया, जबकि इसकी ऊंचाई एवरेस्ट से लगभग 2000 मीटर कम यानी 6638 मीटर है। आज तक इस बात का रहस्य बना हुआ है कि…

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सहकारिता मंत्रालय के गठन से देश में सहकारिता आंदोलन के सफल होने का रास्ता खुला

प्रहलाद सबनानी। भारत में आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से सहकारिता आंदोलन को सफल बनाना बहुत जरूरी है। वैसे तो हमारे देश में सहकारिता आंदोलन की शुरुआत वर्ष 1904 से हुई है एवं तब से आज तक सहकारी क्षेत्र में लाखों समितियों की स्थापना हुई है। कुछ अत्यधिक सफल रही हैं, जैसे अमूल डेयरी, परंतु इस प्रकार की सफलता की कहानियां बहुत कम ही रही हैं। कहा जाता है कि देश में सहकारिता आंदोलन को जिस तरह से सफल होना चाहिए था, वैसा हुआ नहीं है। बल्कि, भारत…

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मेरी हिमाचल यात्रा भाग 2

अमृतांशु मिश्र। कल्पा से काजा के लिए हम लोग नाशता आदि करके निकल पड़े। कल्पा से काजा की दूरी ज्यादा थी इसलिए हमलोग कई सुंदर दृश्यों को भी छोड़ दे रहे थे। कल्पा से काजा के रास्ते में नाको, ताबो और पू स्थान भी पड़ा जहां हमलोग नहीं रुके। काजा के रास्ते में सतलुज, स्फीती रिवर भी पड़ती जिसको देखकर बिना रुके नहीं रहा जा रहा था। काजा पहुंचने के लिए कल्पा में होटल वालों ने बताया कि करीब 6 से 7 घंटे लगेंगे मगर देखा जाये तो पहाड़ पर…

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मेरी हिमाचल यात्रा भाग 1

अमृतांशु मिश्र। हिमाचल प्रदेश को लोग कहते हैं देवभूमि। वहां की भौगोलिक और  प्राकृतिक सुंदरता शायद इसमें मदद भी करती है। कोरोना काल के बाद मिली ढील का फायदा उठाते हुए जून माह में हिमाचल प्रदेश की यात्रा मेरे जीवन की पहली यात्रा थी और इसमें हमने उन दुर्गम स्थानों का भ्रमण किया जहां शायद ही दोबारा जाने का मौका मिले। हिमाचल की मेरी यात्रा उत्तराखंड के हरिद्वार से शुरू हुई और हम चंडीगढ़ होते हुए शिमला पहुंच गये। शिमला पहुंचते-पहुंचते घड़ी ने दोपहर के 3 बजे का इशारा किया।…

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युवाओं को सेक्स के बारे में बात करने में होती है झिझक: ट्रूली मैडली सर्वे

डेस्क। युवा वयस्कों के बीच शारीरिक और यौन स्वास्थ्य की समझ का आकलन करने के लिए डेटिंग प्लेटफॉर्म ट्रूली मैडली द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि जेनरेशन जेड और मिलेनियल्स आज भी इस विषय को सामाजिक कलंक से जोडक़र देखते हैं और इस बारे में उनमें जागरूकता की भी कमी है। यह सर्वेक्षण महानगरों और गैर-मेट्रो शहरों में 18 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के 2,500 वयस्कों के बीच किया गया था। निष्कर्षों से यह भी संकेत मिलता है कि जेन जेड और मिलेनियल्स स्पष्ट…

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