नरेन्द्र सिंह राणा। योगी जी के राज में जन रंजन होता है और विपक्षी राज में जन रूदन होता है। शास्त्रों में वर्णित है और अपने बुजुर्गों से भी हम सब सुनते आ रहे है कि लंका विजय के बाद जब भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे थे तब बेहद खुशी से अयोध्या वासियों ने दीप जला कर भव्य व दिव्य दीपावली मनाई थी। यह त्रेतायुग की बात योगी जी ने कराल कलयुग में सच्च कर पूरी दुनिया को दिखा दी। द्वापर में वृद्धावन की होली को भी योगी जी ने ताजा…
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जानिए शीतला माता पूजन के विधान : क्या करें क्या ना करें
डेस्क। शीतला माता का व्रत चैत्र कृष्ण की अष्टमी को मनाया जाता है। व्रत का संकल्प चैत्र कृष्णा सप्तमी को लिया जाता है जो अष्टमी को पूरा होता है। शीतला माता की व्रत को बसोड़ा भी कहते हैं। बसोड़े का मतलब होता है बासी भोजन करने का व्रत। शीतला माता के व्रत करने के लिए चैत्र कृष्ण सप्तमी जो शनिवार यानी तीन अप्रैल को हो है, उस दिन घर में सुख-शांति और संपन्नता के लिए इस व्रत का संकल्प लेकर शाम को समय खाद्य पदार्थ बनाएं। इसमें सूखी मेवा, भात,…
Read Moreगुड फ्राइडे: यीशु के बलिदान को किया जाता है याद
डेस्क। प्रभु यीशु के वचनों को अमल करने का दिन गुड फ्राइडे है। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। इस दिन लोग प्रभु यीशु मसीह को याद करते हैं। यह ईस्टर संडे से ठीक पहले वाले शुक्रवार को मनाया जाता है। पवित्र सप्ताह के दौरान मनाए जाने वाले गुड फ्राइडे पर प्रभु यीशु के बलिदान को याद कर उपवास रखा जाता है।प्रभु ईसा मसीह, लोगों को मानवता, एकता और अहिंसा का उपदेश देकर अच्छाई की राह पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे थे।…
Read Moreहुमा कुरैशी के नजऱ आएंगे कई अवतार
अनिल बेदाग़, मुंबई। हुमा कुरैशी जानी मानी अभिनेत्री और मॉडल हैं। बॉलीवुड इंडस्ट्री में उनके बेहतरीन अभिनय की तूती बोलती है। अपनी पहली फिल्म से उन्होंने अच्छे अच्छों को अपने अभिनय का लोहा मानने के लिए मजबूर कर दिया था। हर प्रदर्शन के साथ, हुमा कुरैशी ने अपनी उपस्थिति से दर्शकों का दिल जीता है। हुमा के लिए यह एक व्यस्त वर्ष है। बेल बॉटम में अक्षय कुमार के साथ जैकी स्नाइडर के साथ उनके हॉलीवुड डेब्यू के लिए एक मेगा प्रोजेक्ट दक्षिण में है। इतना ही नहीं, अभिनेत्री संजय…
Read Moreकृषि भूमि सुधार के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अभूतपूर्व पहल
सुरेश हिन्दुस्थानी। इतिहास इस तथ्य का प्रामाणिक दस्तावेज है कि भारत की भूमि पर एक समय दूध की नदियां बहती थीं, वहीं भारत की कृषि भूमि भी सोना उपजाती थी। इसका तात्पर्य यही है कि भारत भूमि की उर्वरा शक्ति बहुत ही अच्छी थी। भारत हर क्षेत्र में इतना सम्पन्न था कि विश्व का कोई भी देश उसके समक्ष ठहर नहीं सकता था। लेकिन आज भारत की कृषि भूमि का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। हालांकि वर्तमान में देश में इस बात के लिए गंभीरता पूर्वक चिंतन होने लगा है कि…
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