हेल्थ डेस्क। कनाडा में भारतीय मूल के वैज्ञानिकों की एक टीम ने चीनी युक्त कागज की पट्टी विकसित की है जो भारत और दुनिया भर के गांवों में प्रदूषित पानी में उत्पन्न होने वाले ई कोलाई जीवाणु को मारने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है । यॉर्क यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ता सुशांत मित्रा के अनुसार उनकी खोज ”डिपट्रीटÓÓ दुनियाभर में स्वास्थ्य लाभों के साथ नई पीढ़ी के किफायती और वहनीय जल शोधन उपकरणों के विकास में महत्वपूर्ण होगी । डिपट्रीट यॉर्क्स लैसोंडे स्कूल की माइक्रो एंड नैनो स्केल ट्रांसपोर्ट लैब…
Read MoreCategory: स्वास्थ्य
बदलते मौसम के साथ आती है मौसमी एलर्जी, तुरंत इलाज करना है जरूरी
हेल्थ डेस्क। चाहे गर्मी से सर्दी में बदलता मौसम हो या सर्दी से गर्मी, बदलते मौसम के साथ नाक बहना, आंखों में जलन और छाती जमना आम बात होती है. यह एलर्जी बहुत परेशान करने वाली होती है और अगर तुरंत इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकती है. ऐसे में बचाव के लिए सतर्कता जरूरी है. एलर्जी शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली के धूलकणों, परागकणों और जानवरों के रेशों के प्रति प्रतिक्रिया की वजह से होती है. इन कणों के प्रतिरोध की वजह से शरीर…
Read Moreअनन्नास फल के चमत्कारी लाभ
हेल्थ डेस्क। आयुर्वेद के ग्रंथों में इसके गुणों की व्यापाक रूप से चर्चा की गई है और इसके सेवन को अत्यधिक फायदेमंद और बलदायक बताया गया है। अनन्नास के पौधों में जनवरी-फरवरी में फल लगना आरम्भ होता है। इसे नवम्बर तक मार्केट में फलों की दुकानों पर सजे देखा जा सकता है। अनन्नास बतौर फल खने के अलावा रस, शर्बत, मुरब्बा के रूप में भी सेवन किया जाता है। अनन्नास मधुर, तृप्तिकारक व स्फूर्तिदायक फल है। इसमें कैल्शियम, फाइबर, मैग्रीनशियम और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह…
Read Moreछिलके समेत खाएं ये फल और सब्जियां
हेल्थ डेस्क। क्या आप जानते हैं कि हमारी सेहत के लिए जितनी पौष्टिक फल और सब्जियां जरूरी हैं, उतने ही इनके छिलके भी। जिन छिलकों को आप कचरा समझ कर फेंक देते हैं, वही छिलके ढेर सारे गुणों से भरे हुए होते हैं। अगर आप अगली बार सेब खाते हैं या फिर खीरा, तो उसके छिलके को भूल कर भी ना हटाएं। हां, आप ठीक तरह से धो सकते हैं, जिससे उनमें लगी धूल-मिट्टी आराम से निकल जाए। सेब सेब के छिलके में घुलनशील फाइबर पाए जाते हैं, जो शरीर…
Read Moreकरेला करे बीमारियों का जमकर मुकाबला
हेल्थ डेस्क। करेला औषधि के रूप में इस्तेमाल करने के लिए कच्चा करेला ही ज्यादा मुफीद होता है। करेला बेल पर लगने वाली सब्जी है। इसका रंग हरा होता है। इसकी सतह पर उभरे हुए दाने होते हैं। इसके अंदर बीज होती हैं और करेला पक जाए तो बीज लाल हो जाते हैं। जब तक पकता नहीं तक तग बीज सफेद रहते हैं। करेले का न्युट्रिशनल वैल्यू: करेले में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए, बी और सी पाए जाते हैं। इसके अलावा कैरोटीन, लुटीन, जिंक, पोटैशियम, मैग्नीशियम और मैगजीज जैसे…
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