वाम दलों के संयुक्त धरने पर वकीलों के हमले की निंदा

left partyलखनऊ फरवरी। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माले की राज्य इकाई ने रोहित वेमुला-जेएनयू मामले में केंद्र सरकार की भूमिका के खिलाफ गुरुवार को वामपंथी दलों के साथ इलाहाबाद कचहरी में धरने पर वकीलों के हमले की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने हमला करने वाले वकीलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
पार्टी की राज्य स्थायी समिति के सदस्य अरुण कुमार ने यहां एक बयान में कहा कि यह धरना भाकपा, माकपा, माले समेत छह वाम दलों के देशव्यापी आह्वान पर 23 से 25 फरवरी तक चलाये गये अभियान के समापन पर पहले से तय था। मुद्दा था- रोहित वेमुला-जेएनयू मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निर्देश पर केंद्र सरकार के काम करने और पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया पर वकीलों के हमले का विरोध। धरने में ख्यातिप्राप्त लेखक दूधनाथ सिंह भी थे। धरने पर वकीलों द्वारा की गई मारपीट में महिलाओं समेत दर्जनों लोगों को चोटें आईं।
उन्होंने कहा कि वकीलों ने न्याय दिलाने के बजाय खुद ही जज बन जाने और हमला करने की भूमिका उसी तरह अख्तियार कर ली है, जैसे संघ-भाजपा से जुड़ी ताकतें राष्ट्रवाद की आड़ में कर रही हैं। उन्होंने लखनऊ विवि में समाजशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष को भी एक सोशल साइट पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए तथाकथित राष्ट्रवादियों द्वारा निशाना बनाने और उन्हें अपमानित कर धमकी देने की भत्र्सना की।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश एवं भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी के राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रेमनाथ राय ने यहाँ जारी एक संयुक्त प्रेस बयान में इलाहाबाद की घटना की घोर निंदा करते हुए दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।
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