शपथ ग्रहण आज: अखिलेश के मंत्रिमंडल में होगा युवाओं और अनुभव का मिश्रण

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लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मंत्रीमंडल में युवाओं के साथ वफादार चेहरों को इस बार जगह मिलेगी। साथ ही मिशान 2017 की तैयारियों को देखते जातीय समीकरण को देखते हुए कुछ नये चेहरों को भी मंत्री बनाया जाना तय माना जा रहा है। फिलहाल निकाले गए मंत्रियों के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल में केवल 46 मंत्री बचे हैं। फेरबदल में सरकार अति पिछड़ों का प्रतिनिधित्व बढ़ा सकती है। पार्टी सूत्रों के अनुसार जिन नामों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, उनमें युवाओं और अनुभव दोनों का मिश्रण होगा।
अशोक बाजपेयी सपा से एमएलसी हैं और हरदोई से ताल्लुक रखते हैं। ये ईमानदार चेहरों में शामिल हैं इन्होंने कभी दलबदल नहीं किया है। साथ ही लोकसभा चुनावों में लखनऊ सीट से एक साल तैयारी के बावजूद मुलायम के कहने पर अपनी दावेदारी छोड़ दी थी। हाल ही में मुलायम ने नरेश अग्रवाल और अशोक बाजपेयी को बुलाया था इस बैठक के बाद ही अशोक बाजपेयी के नाम की चर्चा तेज हुई है। ये दोनों ही विधायक शिवपाल यादव के गुट की हैं। पार्टी के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि इस बार मुस्लिम महिला विधायकों को भी नए मंत्रीमंडल में स्थान मिल सकता है। अखिलेश सरकार के मंत्रिमंडल में फिलहाल एकमात्र महिला मंत्री अरुणा कोरी शामिल हैं। महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए इनमें से एक या इन दोनों को शामिल किया जा सकता है। एसआरएस यादव मुलायाम सिह यादव के परिवार के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी को बतौर संगठन मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उनकी इसी भूमिका के लिए पार्टी नेतृत्व हाल ही में उन्हें एमएलसी भी बनाया। माना जा रहा था कि उन्हें एमएलसी इसलिए ही बनाया गया था, ताकि उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी जा सके। बीते दिनों प्रदेश में अल्पसंख्यक मामलों में जिस तरह से एमएलसी आशु मलिक ने अपनी अहम भूमिका निभाई है, उससे माना जा रहा है कि इससे अल्पसंख्यक वोट को पार्टी से बिखरने से रुका है। उन्होंने दादरी कांड में मीडिएटर की भूमिका निभाई और साथ ही सरकार की फजीहत होने से बचाया था। साथ ही लोकसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने पश्चिमी यूपी में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई है। ऐसे में उन्हें मंत्री पद से नवाजा जा सकता है।
पश्चिमी यूपी से मंत्री बन सकते हैं सरोजनी अग्रवाल या मदन चौहान
हाल ही में सपा ने पश्चिमी यूपी के दो कद्दावर मंत्री खोये हैं। चितरंजन स्वरुप और राजेंद्र सिह राणा दोनों का ही निधन हो चुका है। ऐसे में पश्चिमी यूपी में बसपा और आरएलडी की मजबूत स्थिति से टक्कर लेने के लिए इन नेताओं में से किसी को मौका दिया जा सकता है। विधानसभा चुनाव 2017 में होने है और पूर्वांचल में सपा अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए शैलेंद्र यादव या शाकिर अली को मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है। इस इलाके का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्रियों के हटाए जाने के बाद सपा को इस इलाके के लिए मजबूत पकड़ वाले चेहरों की तलाश है। इस क्राइटेरिया पर ये दोनों ही खरे उतरते हैं। इन नामों की भी चर्चा जिसमें मधु गुप्ता, रुचि भीरा, नरेश उत्तम, जय प्रकाश यादव शमिल हैं।