अपराधों की गुत्थी सुलझाने में मददगार साबित होगा परिवहन विभाग का नेशनल पोर्टल

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लखनऊ। राजधानी में आए दिन वाहनों के चोरी होने, किसी वाहन से कोई न कोई छोटी से बड़ी दुर्घटनाएं होने की शिकायतें हर रोज किसी न किसी थाने पर दर्ज होती ही रहती हैं। पुलिस उस वाहन को जिसने दुर्घटना को अंजाम दिया या जो वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ या किस वाहन की चोरी हुई उसका पता लगाने में महीनों लगा देती है। बावजूद इसके इस गुत्थी को सुलझाने में उसे सफलता नहीं मिल पाती है। वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं के साथ ही चोरी हुए वाहनों का आंकडृा थानों पर बढ़ता ही जाता है। पुलिस को अनेक आपराधिक मामलों में, वाहन चोरी होने पर और सड़क दुर्घटनाओं में अक्सर मोटर वाहन व उसके मालिक के विवरण को तत्काल जानने की जरूरत पड़ती है। पुलिस की ही मदद के लिए परविहन विभाग ने पुलिस की सहायता के लिए ही एक नेशनल पोर्टल तैयार किया है। इस नेशनल पोर्टल की सहायता से पुलिस तत्काल वाहन स्वामी की जानकारी हासिल कर सकती है।
पुलिस अपराधों की गुत्थी जल्द से जल्द सुलझाने में सफल हो सके इसके लिए परिवहन विभाग ने नेशनल पोर्टल  तैयार किया है। परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों ने इस पोर्टल की सुविधा उठाने के लिए पुलिस के आलाधिकारियों को पत्र भी लिखा है लेकिन कुछ जनपदों के अधिकारियों को छोड़ दें तो ज्यादा से ज्यादा जिलों के पुलिस अधिकारियों ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। जबकि इस पोर्टल पर उपलब्ध वाहनों के पंजीकरण व वाहन स्वामियों की पूरी जानकारी मौजूद है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राज्य मंत्रालय के निर्देश पर एनआईसी द्वारा तैयार किए गए इस नेशनल पोर्टल पर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के पंजीकृत मोटर वाहनों व उनके मालिकों का विवरण आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए लिए यूजर आइडी व पासवर्ड की जरूरत होती है। जिसके लिए पुलिस को परिवहन विभाग को पत्र लिखकर भेजना होता है उसके बाद विभाग की ओर से यूजर आइडी व पासवर्ड जारी कर दिया जाता है। उत्तर प्रदेश के परविहन आयुक्त ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षकों के लिए यूजर आइडी क्रिएट कराने के लिए कुछ दिन पूर्व पत्र लिखकर भेजा है। लेकिन प्रदेश के पुलिस अधिकारी परिवहन विभाग के इस पोर्टल को एक्सेस करने में जरा भी संजीदगी नहीं दिखा रहे हैं। जिससे कहीं न कहीं पुलिस की सक्रियता पर भी सवालिया निशान लग रहा है। परिवहन आयुक्त केप्त रविंद्र नायक ने बताया कि उन्होंने स्वयं इस बाबत प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि अगर सभी जनपदों के पुलिस अधीक्षक परिवहन विभाग के इस पोर्टल का इस्तेमाल करें तो उन्हें अपराधों की गुत्थी सुलझाने में काफी सहायता मिलेगी। अभी तक परिवहन विभाग के इस नेशनल पोर्टल का फायदा उठाने वाले जिलों में राजधानी लखनऊ का नाम भी है। लखनऊ के अलावा बिजनौर, चंदौली, फिरोजाबाद, रामपुर, संभल, बरेली, गौतमबुद्घनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, कानपुर नगर, मथुरा, मुज फरनगर, सहारनपुर, उन्नाव व मुरादाबाद के पुलिस अधिकारियों ने यूजर आइडी व पासवर्ड एक्सेस किए हैं।