किशोरी से दुष्कर्म करने के दोषी को उम्र कैद की सजा

गाजियाबाद। पोक्सो कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव द्वारा बेटी की सहेली से दुष्कर्म करने के दोषी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। अदालत ने दोषी पर 1.50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है । दोषी से प्राप्त जुर्माने की धनराशि पीडि़ता को दी जाएगी। विशेष पोक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स के अनुसार मूल रूप से बिहार के अलग-अलग जिलों के निवासी मुरादनगर में अगल बगल पड़ोसी के रूप में किराए पर रहते थे । महिला की बेटी तथा अभियुक्त की पांचवी बेटी दोनों आपस में सहेलियां थी। पीडि़ता महिला द्वारा विगत 21 अक्टूबर 2012 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मैं लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी कि पड़ोस में रहने वाले 7 बच्चों का पिता विजेंद्र द्वारा उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर ले जाया गया है । महिला द्वारा यह आरोप लगाया गया कि उसके पति द्वारा मुरादनगर थाने में इस संदर्भ में अर्जी दी गई थी परंतु थाने में उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की दखल के बाद 18 फरवरी 2014 को विजेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के उपरांत उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पंजाब से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके साथ ही उसके कब्जे से किशोरी को भी मुक्त करा लिया गया । पुलिस के सम्मुख किशोरी ने बताया कि वीरेंद्र उसे अपने साथ लेकर पंजाब के किसी प्रांत में रह रहा था जहां उसने लगातार 1 साल तक किशोरी का यौन शोषण किया। किशोरी के बयान आधार पर पुलिस ने सुरेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके उपरांत इस मामले की सुनवाई पोक्सो एक्ट की विशेष अदालत न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव के कोर्ट में चली। कोर्ट द्वारा अंतिम विवेचना करने के उपरांत वीरेंद्र को दोषी करार देते हुए उसे सजा सुनाई गई ।