धनकुबेर मंदिर: तिरुमाला के पास है साढ़े चार टन सोना

Tirumala
हैदराबाद। एक समय में हिन्दुस्तान को सोने की चिडिय़ा कहा जाता था। समय बदल और सोने की चिडिय़ा का खिताब छिन गया मगर आज भी देश के बड़े मंदिरों में इतना सोना है कि अगर उसे सरकार को दे दिया जाये तो फिर से सोने की चिडिय़ा का खिताब मिल सकता है। केरल का पद्राभम मंदिर हो या फिर साईं मंदिर सब में सोने का भंडार है। इसी कड़ी में तिरुमाला मंदिर भी आाता है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के अधिकारियों ने कहा है कि 4.5 टन सोना बैंक में जमा कराया गया है। साथ ही मंदिर का प्रशासन जल्द ही एक टन सोना स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा कराएगा। आज के सोने के बाजार भाव से आंकलन किया जाए तो कुल 5,500 किलो सोने की कीमत 1,320 करोड़ रुपए तक पहुंचती है।
सूत्रों के अनुसार देश के सबसे समृद्ध मंदिरों में से एक माने जाने वाले भगवान वेंकटेश्वर के इस मंदिर की कुल सम्पत्ति का यह आंशिक हिस्सा ही है। जुलाई 2014 में एक अन्य मंदिर तिरुवनन्तपुरम के पद्मनाभ स्वामी मंदिर का नाम सबसे धनाढ्य मंदिर के रूप में उभरा था। तब केरल के इस मंदिर की कुल सम्पत्ति एक लाख करोड़ रुपए तक बताई गई थी। तिरुमाला मंदिर को सबसे समृद्ध बताने वालों का कहना है कि भगवान बालाजी के इस मंदिर की कुल सम्पत्ति अभी तक उजागर नहीं की गई है। इस मंदिर की सम्पत्ति केरल के मंदिर से ज्यादा है।
तिरुमाला में मीडिया को संबोधित करते हुए टीटीडी के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर डी सांबासीवा राव ने कहा कि, गोल्ड स्कीम के तहत जल्द ही एक टन सोना बैंक में जमा किया जाएगा। उन्होंने कहा, अभी तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अलग-अलग शाखाओं में 4.5 टन सोना डिपोजिट कराया जा चुका है। हम जल्द ही एसबीआई में एक टन सोना और जमा कराएंगे। मंदिर के अधिकारियों के मुताबिक बैंकों में जमा 4.5 टन सोने से हर साल 80 किलो शुद्ध सोने का ब्याज मिलता है।