ट्रेड यूनियनों की हड़ताल से 25 हजार करोड़ का चूना

trade straik 2 sep
नई दिल्ली। केंद्रीय मजदूर संगठनों की हड़ताल ने देश को भारी नुकसान पहुंचाया है। बुधवार को हुई देशव्यापी हड़ताल से अर्थव्यवस्था को 25 हजार करोड़ रुपये नुकसान होने की आशंका है। एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा कि आवश्यक सेवाएं प्रभावित होने से अर्थव्यवस्था को 25 हजार करोड़ रुपये नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि मजदूरों की अनुपस्थिति से औद्योगिकी गतिविधि अवरुद्ध होगी। इसके अलावा सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रभावित होने से खुदरा बाजार में भी व्यवधान पैदा होगा और बैंक कर्मियों के हड़ताल पर रहने से बैंकिंग सेवा भी प्रभावित होगी। बुधवार की हड़ताल का देश भर में व्यापक असर हुआ है। रावत ने कहा कि माल निर्यात करने वाले परिवहन माध्यमों पर हड़ताल का व्यापक असर होगा, जिससे समय पर माल की आपूर्ति नहीं हो पाएगी। इसके अलावा निर्यात में पहले से ही दर्ज की जा रही गिरावट के कारण यह हड़ताल एक और धक्का साबित होगी। उद्योग संघ के मुताबिक इसका सबसे बुरा असर गरीब दिहाड़ी मजदूरों पर होगा। रावत ने कहा कि श्रम सुधार जरूरी है और उद्योग तथा देश हित में समाधान निकालने के लिए सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। गौरतलब है कि हड़ताल 12 सूत्रीय मांगों के पक्ष में है, जिसमें श्रम सुधार वापस लिया जाना, 15 हजार रुपये की न्यूनतम मजदूरी तय करने और सरकारी कंपनियों का निजीकरण नहीं करने जैसी मांगें शामिल हैं।