तो वोट कटवा बन जायेंगे मुलायम

mulayam-PTI

लखनऊ। बिहार चुनाव के लिए हुए महागठबंधन में पांच सीट पाकर मुलायम सिंह यादव बेहद नाराज हैं। सपा सुप्रीमो सीट कम मिलने से अपमानित महसूस कर रहे हैं। इसी गुस्से का असर था कि रैली में उन्होंने शिवपाल सिंह को भेज दिया और खुद नहीं गये। राजधानी लखनऊ में गुरुवार मतलब आज संसदीय बोर्ड की बैठक है जिसमें रणनीति बनेगी कि क्या गठबंधन से अलग हुआ जाये। मुलायम के नाराज होने की खबर बिहार भी पहुंच गयी है तो उनके रिश्तेदार लालू यादव इस मामले में बीचबचाव करने का मूड बना रहे हैं।बिहार चुनाव में कम सीट मिलने से नाराज मुलायम बिहार में वोटकटवा की भूमिका में नजर आ सकते हैं। खबर है कि कई नेता मुलायम सिंह यादव पर गठबंधन तोडऩे का दबाव बना रहे हैं। लेकिन मुलायम सिंह यादव की दुविधा ये भी है कि कहीं उनके इस कदम से ये संदेश न चला जाए कि वो बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए तो ऐसा नहीं कर रहे।
जहां तक रिश्तेदारी की बात है मुलायम के पोते की मुहब्बत लालू की बेटी से हो गई। दोनों शादी के बंधन में बंधे और नतीजे में दोनों खानदान एक खानदान हो गए। लेकिन मुहब्बत और सियासत में फर्क है ना। मुहब्बत की बैलेंसशीट भले ना बनती हो लेकिन सियासत तो नफा नुकसान देखकर होती है। इसलिए बिहार चुनाव में सिर्फ 5 सीटें मिलने से मुलायम खफा हैं। हालांकि शादी के वक्त वो उसे जनम-जनम का साथ बता रहे थे। भले बिहार में मुलायम और यूपी में लालू-नीतीश बड़ी ताकत ना हों लेकिन राष्ट्रीय स्तर ये बड़ा गठबंधन दिखता है और बिहार चुनाव एक बड़ी ताकत नजर आता है। सपा के कुछ नेता चाहते हैं कि मुलायम गठबंधन तोड़ लें लेकिन मुलायम से रिश्ते को लालू सीमेंट का जोड़ बता चुके हैं। इसके पहले मुलायम के भाई शिवपाल ने 6 समाजवादी दलों समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल, सेकुलर/नेशनल लोक दल और समाजवादी जनता पार्टी का विलय कर राष्ट्रीय स्तर पर एक पार्टी बनाने की कोशिश शुरू की थी, लेकिन मुहिम कामयाब नहीं हुई। उसके बाद ये चुनावी गठबंधन बना। समाजवादी पार्टी में एक वर्ग का मानना है कि अगर मुलायम गठबंधन से अलग हुए तो ये लग सकता है कि ऐसा उन्होंने बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए किया है, जिसका यूपी में उसे खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।