मारुति सुजूकी कंपनी ने वर्करों को किया खुश: बढ़ायी तनख्वाह

maruti
बिजनेस डेस्क। मारुति सुजूकी ने अपने संयंत्र में काम करने वाले करीब 12,900 कर्मचारियों के वेतन में औतसन 16,800 रुपये प्रति माह बढ़ोतरी करने का निर्णय किया है। हालांकि वेतन में यह वृद्घि तीन वर्ष के दौरान होगी, जिसकी शुरुआत अप्रैल 2015 से होगी। हालांकि वेतन में यह बढ़ोतरी पिछले तीन वर्षों के दौरान (31 मार्च, 2015 तक) की गई 18,000 रुपये की वेतन वृद्घि से करीब 7 फीसदी कम है। इसके साथ ही ऐसे कर्मचारी जो कंपनी के बस का इस्तेमाल बंद कर कार खरीदते हैं, उन्हें सात साल के लिए 2,000 रुपये प्रति माह का लाभ दिया जाएगा। यह वेतन मसले पर यह समझौता पिछले 6 माह के दौरान 40 बैठकों के बाद हुआ है। मारुति उद्योग कामगार यूनियन के महासचिव कुलदीप जांगू ने कहा कि कर्मचारियों को अभी औसतन 30,000 से 32,000 रुपये प्रति माह वेतन मिल रहा है।
चालू वित्त वर्ष में मारुति के कार्मचारियों के वेतन में 8,430 रुपये प्रति माह की बढ़ोतरी की जाएगी, जो 1 अपै्रल से प्रभावी होगा। दूसरे और तीसरे साल वेतन में 4,200-4200 रुपये प्रति माह का इजाफा किया जाएगा। इस तीन साल के पूरा होने पर कर्मचारियों के वेतन में औसतन वृद्घि करीब 38 फीसदी होगी।
वेतन वृद्घि के कारण चालू वित्त वर्ष में कंपनी पर करीब 130 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा, वहीं दूसरे और तीसरे साल 65-65 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। मारुति ने वेतन में वृद्घि का प्रावधान पहले ही कर लिया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी ने कर्मचारियों के लाभ मद में 463 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया था, जो इसके पिछली तिमाही में 353 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2015 में मारुति को रिकॉर्ड 3,711 करोड़ रुपये का शुद्घ मुनाफा हुआ था।
मारुति में वेतन वृद्घि अन्य सभी वाहन और वाहन कलपुर्जा कंपनियों के लिए बेंचमार्क है, खासकर उत्तर भारतीय राज्यों में। यूनाइटेड यूनियन ऑफ हुंडई इम्प्लॉयीज के अध्यक्ष जी विनयागम ने कहा कि हुंडई के संयंत्र में फिलहाल 2,300 स्थायी कर्मचारी हैं। हुंडई ने 2012 में तीन साल के लिए वेतन में 38 से 42 फीसदी की वृद्घि की थी। हुंडई में मौजूदा औसत वेतन सीटीसी करीब 30,000 से 50,000 रुपये है। कंपनी और यूनियन वेतन में आगे संशोधन करने के लिए बातचीत कर रहे हैं और अगले दो माह में इस पर निर्णय होने की
उम्मीद है। गुजरात वाहन विनिर्माण का केंद्र बनकर उभरा है और मारुति भी यहां अपना तीसरा संयंत्र लगा रही है। टाटा मोटर्स और फोर्ड ने यहां के संयंत्रों के कर्मचारियों में करीब 6 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी की थी।
उद्योग के अनुमान के मुताबिक, गुजरात के साणंद पट्टïी में जहां टाटा मोटर्स और फोर्ड इंडिया के संयंत्र हैं, वहां आईटीआई पास लोगों, जिन्हें ठेके पर रखा जाजा है, उन्हें 8,000 से 10,000 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाता है, वहीं स्थायी कर्मचारियों का शुरुआती वेतन 14,000 है, जो 30 से 40 हजार प्रति माह तक है।