लड़कियों के चक्कर में डांस अकादमी गये थे सुशांत

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मुम्बई। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने जब सर बेरी जॉन के यहां ऐक्टिंग क्लासेज शुरू की तो उन्हें पता लगा कि बेरी जॉन अपने हर स्टूडेंट के बारे में डायरी लिखते हैं। सुशांत ने यह जानने की कोशिश भी कि बेरी ने डायरी में उनके बारे में क्या लिखा है। कई महीने तक उनके मन में सस्पेंस रहा कि उनके टीचर उनके बारे में क्या सोचते हैं। फिर कुछ दिन बाद जब एक ऐक्टिंग टेस्ट हुआ तो क्लास के बाकी बच्चों को सी ग्रेड मिला, जबकि सुशांत बी ग्रेड लेकर बाकियों से ऊपर रहे। उस बी ग्रेड ने सुशांत के मन में यह बात बैठा दी कि ऐक्टिंग में उनकी दाल गल सकती है। इस बारे में सुशांत कहते हैं, उस बी ग्रेड ने मुझे ऐक्टिंग की ओर ज्यादा आकर्षित किया। उन दिनों मैं शेक्सपियर के नाटक किया करता था। हालांकि, मैं उस वक्त एक साल और लगाता तो इंजिनियर बन जाता, मगर मैंने हीरो बनने के लिए इंजिनियरिंग की पढ़ाई छोड़कर भाग आया। मैं तय कर चुका था कि मुंबई में गुजारे के लिए मैं फिल्म सिटी में कैंटीन खोल दूंगा और वहां वड़ा पाव बेचूंगा। खाऊंगा-खिलाऊंगा और अपनी शॉर्ट फिल्म्स बनाऊंगा। मुझे खुशी है कि दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग की ऑफिशल वेबसाइट पर आप जाएंगे, तो एक है फेमस एलिमनाइ, जिसमें बहुत साल पहले जिस स्टूडेंट ने एक आविष्कार किया था, उसका नाम है और फिर दूसरा नाम मेरा है। मैंने इससे यही सीखा कि आप जब अपने सपनों का पीछा करते हैं, तो वे कहीं न कहीं जाकर जरूर पूरे होते हैं। सुशांत की मानें तो इसका फल भी उन्हें इंडस्ट्री में रहकर मिला। अब एक अच्छे ऐक्टर के अलावा एक अच्छे डांसर के तौर पर भी लोग उन्हें जानते हैं। हालांकि, सुशांत के डांसर बनने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। वह बताते हैं,कॉलेज के दिनों में मैं पढ़ाई से बोर होने लगा था। ऊपर से हमारे होस्टेल में लड़कियां भी नहीं थीं, तो मैंने श्यामक डावर की डांस अकैडमी जॉइन की। असल में मैंने लड़कियों के चक्कर में ही वह अकैडमी जॉइन की थी।