जिला व क्षेत्र पंचायत चुनाव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

Allahabad-High-Court
इलाहाबाद। हाईकोर्ट के क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत चुनाव में हस्तक्षेप से इनकार करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। प्रदेश सरकार के पंचायती राज विभाग ने अपने संबंधित मातहत अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह इस याचिका से संबंधित समस्त पत्रावलियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहंचे। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चन्द्रचूड़ व न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने मेरठ के ऋषिपाल सिंह की याचिका को खारिज करते हुए आदेश दिया था कि चूंकि क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायतों के चुनाव की अधिसूचना प्रदेश में जारी हो चुकी है ऐसे में संविधान के अनुच्छेद 243 ओ के तहत कोर्ट चुनाव में गड़बड़ी को लेकर दाखिल याचिकाओं पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
मेरठ निवासी ऋषिपाल सिंह ने याचिका दायर कर जिला पंचायत मेरठ के वार्ड संख्या 18 को आरक्षित करने के मामले में याचिका दायर कर चुनौती दी थी और कहा था कि सरकार ने पंचायत चुनाव में आरक्षण व्यवस्था लागू करने में संविधान के अनुच्छेद 243 डी के प्राविधानों का उल्लंघन किया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट का कहना था कि चूंकि क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायतों के चुनाव की अधिसूचना प्रदेश सरकार ने 21 सितंबर 2015 को जारी कर दी है और चुनाव आयोग ने भी चुनाव कार्यक्रम घोषित कर रखा है। ऐसे में कोर्ट इस याचिका पर हस्तक्षेप नहीं करेगी। हाईकोर्ट का मानना था कि यदि चुनाव में किसी प्रकार की गड़बड़ी है तो चुनाव बाद चुनाव याचिका दायर कर चुनाव को चुनौती दी जा सकती है। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ मेरठ निवासी ऋषिपाल सिंह एसएलपी दायर कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेशके इस आदेश के खिलाफ मेरठ निवासी ऋषिपाल सिंह एसएलपी दायर कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने पर प्रदेश का पंचायती राज विभाग अपने पक्ष में सुप्रीम कोर्ट से भी फैसला लेने के लिए मातहत अधिकारियों को समस्त संबंधित पत्रजातों के साथ सुप्रीम कोर्ट में जाने को कहा है।