‘योगी सरकार का शासन-प्रशासन पर कोई इकबाल नहीं’

लखनऊ नवम्बर। उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ योगी सरकार का शासन-प्रशासन पर कोई इकबाल नहीं बन पा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप निरंकुश प्रशासन जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा कर रहा है जिसका नतीजा प्रदेश की निरीह जनता को भुगतना पड़ रहा है।
उप्र कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि   प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच प्रदेश में चल रहे इस द्वन्द में अलग-अलग स्थानों पर प्रशासन और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के ही जनप्रतिनिधियों के बीच मारपीट की नौबत आ रही है। उदाहरण स्वरूप कुछ दिन पूर्व बांदा जिले के तिन्दवारी के विधायक  ब्रजेश प्रजापति द्वारा खनन अधिकारी के साथ मारपीट, बलिया के बैरिया विधायक  सुरेन्द्र सिंह द्वारा बीएसए के साथ हाथापाई की घटना और बहराइच में नानपारा के विधायक श्रीमती माधुरी वर्मा के पति  दिलीप वर्मा द्वारा तहसीलदार को पीटने की घटना प्रकाश में आयी। लखीमपुर की एक महिला भाजपा विधायक द्वारा पुलिस अधिकारी पर चप्पल उठाये जाने की घटना घटित हुई है। इस प्रकार के द्वन्द लगातार अखबारों की सुर्खियां बन रही हंै। इसका परिणाम यह है कि मौजूदा सरकार में जनप्रतिनिधि और प्रशासन के द्वन्द में आम जनता उपेक्षित और पीड़ित महसूस कर रही है। प्रशासन के किसी भी स्तर पर जनता की आवाज नहीं सुनी जा रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि शासन के आला अधिकारी आईएएस वीक मनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं और मुख्यमंत्री जी दूसरे प्रान्तों में हो रहे विधानसभा चुनावों में व्यस्त हैं। प्रदेश की जनता की समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है जिसका दुष्परिणाम हर स्तर पर देखने को मिल रहा है चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, ठण्ड शुरू हो चुकी है किन्तु परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को स्वेटर, जूते, मोजे नहीं बंट पा रहे हैं वहीं पेराई सत्र शुरू होने के बाद भी न तो चीनी मिलों का संचालन सुचारू रूप से शुरू हो पा रहा है न ही गन्ना किसानों के पिछले बकाये गन्ना मूल्य का भुगतान ही हो पा रहा है। सरकार और प्रशासन के इस द्वन्द का ही नतीजा है कि बरसात खत्म हुए तीन माह बीतने को हैं अभी तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का काम भी शुरू नहीं हो सका है। ऐसी तमाम परिस्थितियां इस तरफ इशारा करती हैं कि उत्तर प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं बची है। प्रदेश की जनता इतना विशाल बहुमत देने के बाद मौजूदा भारतीय जनता पार्टी के शासन में निराश, हताश और खुद को ठगी हुई महसूस कर रही है।