एलआईसी के सहारे रफ्तार पकड़ेगी भारतीय रेल

नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की उपक्रम भारतीय जीवन बीमा निगम ने भारतीय रेलवे वित्त निगम को रेलवे की परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता की पहली किश्त के रूप में 2000 करोड़ रुपये का चैक भेंट किया। यह चैक रेल भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में रेल मंत्री सुरेश प्रभु की उपस्थिति में सौंपा गया। रेल बजट 2015-16 प्रस्तुत करने के केवल पंद्रह दिनों के अंदर ही बजट घोषणा का एक प्रमुख वायदा 11 मार्च 2015 को पूरा कर दिया गया था, जब भारतीय जीवन बीमा निगम से रेलवे को अब तक का सर्वाधिक 1.5 लाख करोड़ रूपये का वित्त पोषण उपलब्ध कराने के लिए रेल और भारतीय जीवन बीमा निगम ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने बताया कि क्षमता बढ़ाने की परियोजनाओं में निवेश के लिए वित्तीय संसाधनों को खोजना रेलवे के लिए एक प्रमुख चुनौती थी। निवेश के बिना नेटवर्क की व्यस्तता कम करना, यातायात उत्पादन बढ़ाना और पर्याप्त आंतरिक संसाधन जुटाना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि अगर नया निवेश नहीं होता तो रेलवे की स्थिति में और गिरावट आ जाएगी और वह इस दुष्चक्र बाहर आने में सफल नहीं होगी। रेलमंत्री ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम का पहला चैक जारी होने के साथ ही आज एक महत्वपूर्ण शुरुआत हुई है। अब यह रेलवे पर निर्भर है कि वह इसका अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए इस धन का लाभकारी एवं उचित तरीके से उपयोग करने की चुनौती का किस प्रकार सामना करता है। उन्होंने कहा कि इन निधियों से न केवल नई रेल परियोजनाओं की जरूरतों को पूरा किया जाएगा, बल्कि उन वर्तमान परियोजनाओं में भी इसका उपयोग किया जाएगा, जो रेलवे प्रणाली को तुरंत लाभ प्रदान करने वाली हो। उन्होंने कहा कि निधियों की यह व्यवस्था भारतीय जीवन बीमा निगम और रेलवे दोनों संगठनों के लिए फायदेमंद होगी। रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम आईआरएफसी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आईआरएफसी अब रेलवे के लिए निवेश जुटाने के लिए एक प्रमुख वाहक के रूप में उभरा है।