गाजियाबाद। जनपद के विभिन्न आरडब्लूए फेडरेशन तथा अन्य संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से एक विज्ञप्ति जारी करके यह कहा गया है कि देश में जब कभी भी आपदा की स्थिति आती है तो तुरंत वहां आपदा नियंत्रण हेतु फौज भेजी जाती है और स्थिति नियंत्रण में आ जाती है । 138 करोड़ की जनसंख्या वाले हिंदुस्तान में केवल 13 लाख की फौज किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा या अन्य किस्म की आपदा को किस प्रकार बखूबी नियंत्रित करती है यह देश की जनता ने बार बार देखा और परखा है । यदि भारतीय फौज सभी किस्म की आपदाओं पर निबंध नियंत्रण पा सकती है तो लगभग 26 लाख भूतपूर्व सैनिक भी कोरोना महामारी के इस दौर में अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दे कर महामारी के भयावहता को बहुत हद तक नियंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस समय देश में संसाधनों की इतनी कमी नहीं है जितनी कि भ्रष्टाचार के कारण उन संसाधनों के समुचित वितरण की । वर्तमान में महामारी के संक्रमण का का दौर चल रहा है । अत: इस कठिन दौर में महामारी एक्ट के तहत यदि पूर्व सैनिकों को देश सेवा की अनुमति मिल जाए तो इस आपदा के समय चल रही कालाबाजारी के गोरखधंधे को पूरी तरह उखाड़ फेंका जा सकता है । यह विज्ञप्ति मुख्य कार्यालय फ्लैट ओनर्स एसोसिएशन तथा आरडब्ल्यूए फेडरेशन गाजियाबाद, 133 बी, मॉडल टाउन ईस्ट, फ्लैट ओनर्स एसोसिएशन एवं आरडब्ल्यूए फेडरेशन के अध्यक्ष कर्नल तेजेंद्र, उपाध्यक्ष आई सी जिंदल तथा फेडरेशन के जोनल कमांडर तरुण चौहान एवं वसुंधरा जोन के कमांडर एस एल वर्मा द्वारा संयुक्त रूप से जारी की गई। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में 7 से 8 ऑक्सीजन रिफिलिंग सेंटर मौजूद है जहां से ऑक्सीजन जनपद के विभिन्न अस्पतालों में भेजा जाता है। कोरोना महामारी की वजह से जब ऑक्सीजन की मांग बढ़ी तो इन रिफिलिंग सेंटरों द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर की अंधाधुंध ब्लैक मार्केटिंग शुरू कर दी गई जिसकी वजह से ₹500 का सिलेंडर ₹50000 में बिकने लगा । यदि इन केंद्रों पर सेना के 1-1 पूर्व जवान की नियुक्ति कर दी जाए तो एक भी सिलेंडर की कालाबाजारी हो जाए यह नामुमकिन है। भूतपूर्व सैनिक निशुल्क तो काम नहीं करेगा पर वह जहां भी काम करेगा अपनी पूरी ईमानदारी तथा कर्तव्य निष्ठा के साथ ही करेगा। इस संदर्भ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा भी विभिन्न राज्यों के राज्यपालों से पूर्व सैनिकों से मदद लेने का आग्रह किया गया है।
ऑक्सीजन रिफिलिंग सेंटर पर पूर्व सैनिक की तैनाती की मांग
