लखनऊ। जल्दी ही अदालतों की कार्यवाही का इंटरनेट पर सीधा प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) शुरू होगा। जिससे वादी अपने घर से ही कोर्ट में अपने मुकदमें में हो रही सुनवाई को आसानी से नजर रख सकेगा। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के कारण हो रही ऑन लाइन सुनवाई के साफ्टवेयर में संशोधन किया जा रहा है। जिससे जल्दी ही उससे पत्रकारों को भी जोड़ा जा सकेगा। ताकि उन्हे मुकदमें की रिपोर्टिंग में आसानी हो। यह जानकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दी गई है।
याचिका कर्ता के अधिवक्ता शास्वत आनंद ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से मुकदमों के इंटरनेट से सीधा प्रसारण और पत्रकारों को कोर्ट की कार्यवाही की रिपोर्टिंग के लिए आदेश देने की मांग की। याचिका पर सुनवाई कर रहे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज नकवी और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की पीठ ने कहा कि पत्रकारों के अधिकारों को लेकर कोई विवाद नहीं है। ‘आपको कौन रोक रहा है?’ सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने बताया कि हाईकोर्ट का प्रशासनिक विभाग सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुवाई में बनी ई-कमेटी के इस संबन्ध में भेजे गए पत्र को लागू की करने की तैयारी कर रहा है। यह जनहित याचिका दो पत्रकारों व कानून के तीन छात्रों ने दाखिल की है। जिसमें मांग की गई है कि उप्र के सभी न्यायालयों, न्यायाधिकरणों आदि में कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग और लाइव रिपोर्टिंग की जाए। सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आशीष मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति के अध्यक्ष की ओर से भेजे पत्र पर कार्रवाही की जा रही है। इसे लागू करने के लिए हाईकोर्ट के प्रशासनिक विभाग पहले से तैयारी कर रहा है। याचिका पर अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी। कोर्ट ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता आनंद मिश्र से अगली सुनवाई के समय इस संबन्ध में किये गए उपायों की जानकारी देने को कहा है।
अधिवक्ता शाश्वत आनंद का तर्क था कि कोविड-19 महामारी के कारण, अदालत की कार्यवाही में वादियों और पत्रकारों व मीडिया की पहुंच बेहद प्रतिबंधित है। कोविड के पहले भी अदालती कार्यवाही की रिपोर्टिंग में दिक्कत होती थी। हमारे देश में पारदर्शी अदालतों की कमी महसूस की जा रही है। समाज के एक बड़े हिस्से को शायद ही कभी अदालती कार्यवाही को समझने का अवसर मिलता है। अदालत की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग, खुली अदालतों के सिद्धांत का विस्तार है, और महज एक बटन को क्लिक करते ही वादी अपने केस की सुनवाई की कार्यवाही को घर बैठे देख सकेगें। इससे अदालत परिसर में आये बिना ही वादी को अदालत की कार्यवाही का एक आभासी अनुभव भी मिलेगा।
घर बैठे देख सकेंगे अदालत की कार्यवाही
